बस काटकर निकाले गए चार मासूमों के शव, अंदर सीट से चिपका था ड्राइवर

1040 By 7newsindia.in Sat, Jan 6th 2018 / 10:38:28 कानून-अपराध     

इंदौर.शहर में देवास वायपास पर बिचौली हप्सी ओवर ब्रिज पर दोपहर करीब साढ़े तीन बजे स्कूल बस और ट्रक में टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी की बस के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए। हादसे में बस चालक और 4 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। कई बच्चे घायल हुए, इनमें दो की हालत गंभीर है। बस का स्टयरिंग फेल होने से हादसा हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख जताया है। गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। 

- जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार शाम को डीपीएस (दिल्ली पब्लिक स्कूल) में छुट्‌टी के बाद बस 12 बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी। बस काटकर निकाले गए चार मासूमों के शव, अंदर सीट से चिपका था ड्राइवर

- बायपास पर बस का स्टयरिंग फेल होने से चालक का संतुलन बस पर से हट गया। बस डिवायडर फादते हुए गलत दिशा में घुस गई और सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। 

- हादसे में बस चालक स्टेयरिंग पर फंस गया जससे उसने वहीं पर दम तोड़ दिया। हादसे के बाद आसपास गुजर रहे लोगों ने पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। 

- बच्चों की फैमिली को जैसे ही इस हादसे की जाानकारी मिली जो जिस हाल में था वैसे ही घटनास्थल की ओर दौड़ पड़ा।

धमाका सुनकर ब्रिज पर पहुंचे तो दिल दहल गया, बच्चों को पतरे तोड़कर बाहर निकाला

- पंक्चर वाले ने बताया कि उसे ग्राहक ने आवाज लगाई तो दुकान से बाहर निकला। इतने में धमाके की आवाज हुई। ब्रिज की ओर देखा तो पता चला कि ट्रक धीरे-धीरे किनारे की ओर आ रहा था। सोचा ट्रक का टायर फटा होगा। इतने में बस भी दिख गई। 

- शोर सुनकर मैं, दो दोस्त पप्पू सोनगरे और इंदर सिंह के साथ ब्रिज की ओर दौड़ा। ब्रिज पर पहुंचा तो पता चला कि बस और ट्रक में भिड़ंत हो गई है और बच्चे रो रहे थे। 

बस काटकर निकाले गए चार मासूमों के शव, अंदर सीट से चिपका था ड्राइवर- यह देख हमने तुरंत बच्चों को बस से निकालना शुरू किया। कुछ बच्चे बुरी तरह से फंसे हुए थे। कुछ बच्चे मम्मी-पापा को पुकार रहे थे। बच्चों के शव देखकर रोंगटे खड़े हो गए। कुछ बच्चे तो इस तरह फंसे थे कि उन्हें पतरे तोड़कर निकाला गया। 

- एम्बुलेंस आने में देर हो रही थी तो स्कूल की ही अन्य बसों में बच्चों को रवाना किया गया। यहां हादसे तो होते रहते हैं। इतना भयानक एक्सीडेंट कभी नहीं देखा।

गोवधर्न सोनगरे, पंक्चर सुधारने वाले (इन्होंने भी बच्चों को बस से निकाला था।)

3 बच्चों के त्वचा व नेत्र दान

- दिल दहला देने वाले हादसे के बाद जहां माता-पिता को संभालना मुश्किल हो रहा था।

- वहीं ऐसे दु:ख के समय में मृत बच्चों कृति अग्रवाल और स्वास्तिक पहाढी के परिवार ने नेत्रदान का फैसला लिया।

- आई-बैंक की टीम एमवायएच पहुंची और देर रात नेत्रदान की प्रक्रिया शुरू की।

स्कूल व बाजार आधे दिन बंद

डीपीएस बच्चों के निधन से पूरे शहर में शोक है। इंदौर में शनिवार को आधे दिन बाजार बंद का आह्वान किया है। वहीं, लोहा मंडी और लोहा बाजार भी आधा दिन बंद रहेगा। सराफा भी दोपहर तक बंद रहेगा। दोपहर 1 बजे तक दवा बाजार बंद रहेगा।

गृह व परिवहन मंत्री ने दिए जांच के आदेश

बस दुर्घटना के मामले में प्रदेश के गृह व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जांच के आदेश दे दिए हैं। आरटीओ ने घटनास्थल का दौरा भी किया। उन्होंने बताया कि पुल के ऊपर ड्राइवर ने बस (एमपी 09 एफए 2029) पर नियंत्रण खो दिया, जिससे बस डिवाइडर पार कर दूसरी ओर सामने से आ रहे ट्रक (यूपी 78 सीटी 7890) से टकरा गई। नियंत्रण किस वजह से खोया, यह अभी स्पष्ट नहीं है। बस का फिटनेस, बीमा और परमिट जैसी सभी औपचारिकताएं पूरी थीं। ड्राइवर राहुल सिसोदिया की वेरिफिकेशन रिपोर्ट भी स्कूल द्वारा जमा की जा चुकी थी।बस काटकर निकाले गए चार मासूमों के शव, अंदर सीट से चिपका था ड्राइवर

हमारी बस पूरी तरह फिट थी- प्रिंसिपल

सवाल- इतनी बड़ी दुर्घटना हुई। क्या आपकी बस फिट थी? 

जवाब- बहुत ही दु:खद दुर्घटना है और हम सभी अस्पताल में ही हैं। हमारी बस अपडेट थी। इसका फिटनेस भी पास था।

सवाल-बस का स्टियरिंग फेल होने की बात आ रही है?

जवाब-यह तो जांच के बाद ही सामने आएगा कि क्या हुआ होगा? हमने सभी दस्तावेज आरटीओ और पुलिस को दे दिए हैं।

सवाल- ड्राइवर अनुभवी नहीं होने की बात आ रही है?

जवाब-नहीं, ड्राइवर छह साल से स्कूल में था। कभी कोई शिकायत नहीं आई।

सवाल- पालकों में काफी नाराजगी है। आरोप है कि स्कूल मैनेजमेंट बच्चों की जान से खेल रहा है?

जवाब-स्कूल मैनेजमेंट की संवेदनाएं सभी के साथ हैं। हम भी सदमे में हैं। बस पूरी अपडेट और फिट थी। उसमें जीपीएस और कैमरे भी थे। स्कूल हमेशा सुरक्षा पर ध्यान देता है।

ये हुए घायल

खुशी बजाज (दूसरी), भूमि बजाज (छठवीं), सोमिल आहूजा (पांचवीं), शिवांक चावला (चौथी), पार्थ (सातवीं), दैविक वाधवानी (आठवीं), अरिबा कुरैशी (छठवीं), इंशा कुरैशी और कंडक्टर बलविंदर।

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