जाटव हत्याकांड | वारंट मिलने के 6 दिन बाद भोपाल पहुंच पाई भिंड पुलिस, आर्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस का छापा, घर-दफ्तर दोनों जगह मिले ताले

510 By 7newsindia.in Wed, Dec 13th 2017 / 10:50:09 कानून-अपराध     

भोपाल: छह दिन से गिरफ्तारी वारंट लेकर घूम रही पुलिस ने मंगलवार को जीएडी मंत्री लालसिंह आर्य के सरकारी आवास पर छापा मारा। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही मंत्री आवास से जा चुके थे। आवास और वहां बने ऑफिस में ताला लगा था। पुलिस ने वहां मौजूद सिपाही को गिरफ्तारी वारंट की प्रति सौंपकर पंचनामा बना लिया। करीब आधे घंटे तक पुलिस तलाशी की कवायद करती रही। आर्य पूर्व विधायक माखनलाल जाटव हत्याकांड में आरोपी हैं। छह बार कोर्ट में पेश होने पर उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया है।

बचाव में आए नरोत्तम, कहा- नंदकुमार के साथ हैं आर्य 

जाटव हत्याकांड | वारंट मिलने के 6 दिन बाद भोपाल पहुंच पाई भिंड पुलिस, आर्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस का छापा, घर-दफ्तर दोनों जगह मिले ताले 

 

 

 


इधर... दागी नेताओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 

केंद्र ने बताया... दागी सांसद-विधायकों के केस निपटाने के लिए बनेंगे 12 स्पेशल कोर्ट 

नई दिल्ली | दागीसांसदों और विधायकों की समस्या बढ़ने वाली है। इनके मामले जल्द से जल्द निपटाने के लिए 12 स्पेशल कोर्ट स्थापित किए जाएंगे। शुरू में इनका कार्यकाल एक साल का रहेगा। वित्त मंत्रालय ने 8 दिसंबर को ही इनकी स्थापना को सैद्धांतिक मंजूरी देते हुए 7.8 करोड़ रुपए का बजट भी आवंटित कर दिया है। यह जानकारी मंगलवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी। दरअसल, दागी नेताओं से जुड़ी भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान 1 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नेताओं से जुड़े केस तेजी से निपटाने के लिए विशेष अदालतें बनाना राष्ट्रहित में होगा। इस पर सहमति जताते हुए केंद्र सरकार ने भी कहा था कि राजनीति को अपराध मुक्त किया जाना चाहिए। 

मंत्री के करीबियों के मुताबिक लालसिंह भोपाल में ही कहीं छिपे हैं। इस बीच जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी आर्य के समर्थन में गए। मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिश्रा से जब आर्य के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आर्य नंदकुमार सिंह चौहान के साथ हैं। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने आर्य का बचाव करते हुए कहा था कि उनसे इस्तीफा लेने का कोई विचार नहीं है। वे पार्टी के लाल हैं। 

सिपाही ने कहा- चार दिन से नहीं आए मंत्री: 

दोपहर 12 बजे से पहले पहुंची पुलिस ने मंत्री के आवास के गेट पर तैनात सिपाही को वारंट देते हुए पूछा कि मंत्री आर्य कब से नहीं आए। इस पर सिपाही ने कहा-4 दिन से। मंत्री के स्टाफ के लोग भी नहीं अाए। इसके बाद पुलिस ने आर्य के आवास पर ही पंचनामा बनाया और लिखा कि मंत्री बंगले पर मौजूद नहीं हैं। पंचनामे पर गार्ड के हस्ताक्षर लिए गए। जीएडी राज्यमंत्री को 19 दिसंबर तक कोर्ट में पेश होना है। इससे पहले वे अग्रिम जमानत की तैयारी में जुटे हैं। मंगलवार को आर्य कैबिनेट बैठक में भी नहीं पहुंचे। 

मप्र के 42 विधायकों, 7 सांसदों पर मामले लंबित 

2014 केलोकसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के अनुसार मप्र के 7 सांसदों पर गंभीर धाराओं में प्रकरण बने। इनमें गणेश सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते, लक्ष्मीनारायण, ज्योति धुर्वे, राकेश सिंह, राव उदयप्रताप सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हैं। 
2013के विधानसभा चुनाव में जमा किए गए शपथ पत्रों के अनुसार 42 विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले थे। मंत्री जयभान सिंह पवैया पर लूट, लालसिंह आर्य पर हत्या (ताजा प्रकरण), केपी सिंह और विक्रम सिंह पर लूट और डकैती जैसे संगीन मामले लंबित हैं। (स्त्रोत इलेक्शन वॉच और शपथ-पत्र) 

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