प्रशिक्षण से आता है प्रतिभा में निखार : कमल मुनि कमलेश

628 By 7newsindia.in Wed, Feb 28th 2018 / 20:58:43 बिहार     

अजय कुमार , संवाददाता 
राजगीर : मंद बुद्धि वाले पशु को भी यदि प्रशिक्षण देने वाले मिल जाए तो उसमें भी प्रतिभा का निखार आ जाता है। वह भी अपनी गुण का प्रदर्शन कर मानव समाज को हैरानी में डाल देते हैं और उसका मूल्य कई गुना बढ़ जाता है। हीरे में चमक होती है पर उसे तराशना पड़ता है तब ही उसका निखार आता है। उक्त विचार व्यक्त करते हुए राष्ट्र संत श्री कमल मुनि कमलेश ने कहा कि ऐसी घटना से इंसान को भी सबक लेना चाहिए । यदि हमें कोई प्रशिक्षण देने वाला मिले तो निश्चित ही हमारा विकास हो सकता है। उन्होंने बताया कि यह काम विश्व के वैज्ञानिक के द्वारा निर्मित कोई भी मशीन नहीं कर सकता सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान से भी संपूर्ण विकास संभव नहीं है, जब तक कि अनुभव का उसमें समावेश ना हो।  मुनि कमलेश ने स्पष्ट कहा कि बाल काल में जो प्रशिक्षण दिया जाए उसमें परिपक्वता आती है। वीर अभिमन्यु ने चक्रव्यूह की रचना का प्रशिक्षण मां के गर्भ में प्राप्त कर लिया था, जिसकी पुष्टि आज का विज्ञान कर रहा है। 

हर व्यक्ति जब स्वयं प्रशिक्षित हो तब वह दूसरों का मार्गदर्शन कर सकता है । उन्होनें उक्त बातें अखिल भारतीय अनुव्रत न्यास , नई दिल्ली के द्वारा संचालित अहिंसा प्रशिक्षण केंद्र राजगीर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बालिकाओं व महिलाओं के बीच अपने संबोधन में कहा। इस अवसर पर राष्ट्रसंत ने दुख के साथ कहा के चरित्र निर्माण प्रशिक्षण वर्तमान के स्कूल कॉलेज का लक्ष्य  नही है और न ही माता-पिता भी इसके प्रति गंभीर हैं। शासकीय शिक्षण पद्धति में आमूलचूल परिवर्तन की मांग करते हुए कहा कि यह अंग्रेजों द्वारा लागू की गई शिक्षा का अंग है। जैन संत ने कहा कि अधूरा प्रशिक्षण भी खतरे से खाली नहीं है । वह तो दिशाहीन होता ही है साथ में अपने साथ में रहने वाले को भी मझधार में डूबता है। गुरु चरणों में रहकर उसका दिल हर्षित कर आशीर्वाद पूर्वक प्राप्त किया गया प्रशिक्षण वरदान स्वरुप आता है, ज्ञान मानव का असली नेत्र है , उसके अभाव में आंखों वाला भी अंधे हो जाते है। इस अवसर पर अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास बिहार के मार्ग निर्देशक मंडल के सदस्य रमेश कुमार पान ने कहा कि राजगीर भगवान महावीर की पवित्र धरती है। यहां कई ऋषि मुनियों ने आकर अपना कई कर्मकांड किए हैं। उनके रास्ते पर चलकर ही हम लोग राजगीर को एक नया रूप दे सकते हैं । धन्यवाद ज्ञापन में प्रशिक्षण केंद्र के प्रभारी सुनील कुमार ने कहा कि मुनि भगवंत यहां उपस्थित हुए हैं । उनके चरणों में राजगीरवासी उनको नमन करता है और भगवान महावीर के बताए मार्ग पर चलने का हमलोग संकल्प लेते हैं। मौके पर कृष्णा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के प्रधान दन्त चिकिसक डॉ सुरभि रंजन, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ रजनीश रंजन, समाजसेवी अनिता कुमारी गुप्ता, प्रशिक्षिका पिंकी कुमारी, बेबी देवी, प्रियंका कुमारी , सोनी कुमारी , गुड़िया कुमारी, चंचल कुमारी के अलावे सैकड़ों प्रशिक्षु उपस्थित थे।

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