छात्रों की समस्या सुने वगैर ही चली गई कुलिपति

574 By 7newsindia.in Fri, Feb 23rd 2018 / 10:16:15 प्रशासनिक     

सर्वेश त्यागी
ग्वालियर। छात्र-छात्राओं की समस्यायें के समाधान के लिये कुलपति द्वारा बुलाई गयी बैठक बिना समाधान के ही बीच उठकर कुलपति मैडम रोती हुई चली गयी मौका था राजा मानसिंह  तोमर संगीत विश्वविद्यालय परिसर का । विश्वविद्यालय कैम्पस में छात्रों की समस्यायें सुन रही थी कुलपति छात्र क्रमवार अपनी समस्यायें रख रही थी इसी समय अभाविप के छात्र नेता गौरव शर्मा भी बीच बीच में छात्रों को समझा रहे थे बस इसी बात से नाराज होकर कुलपति मैडम आंखों में आंसू भरे हुए कार में बैठकर विदा हो गयी।
क्या है पूरा मामला
विश्वविद्यालय कैम्पस में राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं की 25 सूत्रीय समस्यायें सुन रही थी और उन्हें समाधान करने का प्रयास एवं आश्वासन दे रही थी। 
संगीत विभाग के छात्रों की समस्यायें
कक्षाभ्यास के समय पर शिक्षिक मीटिंग एवं प्रोग्राम की रिहर्सल में रहते हैं, जो हमार शिक्षा अवसर को कम करती है।
कुछ निश्चित छात्रों को ही प्रोग्राम में स्थान दिया जाता है। जो शिक्षक विशेष के करीब है जिससे नये छात्रों को स्टेज नहीं मिल पाता है।
बाद्य यंत्रों पर शिक्षकों का ही एकाधिकार है बच्चों को उसे छूने भी नहीं दिया जाता है। जबकि वह छात्रों के सीखने के लिये हैं। 
बच्चों को प्रेक्टिस केलिये माइक उपलब्ध नहीं होते हैं।
शिक्षक सिखाने केलिये बहुत ही अल्प समय देते हैं जो हमारेलिये उपर्युक्त नहीं हैं। 
सर्टिफिकेट जिसमें डाला है उसमें क्लास करने का समय ही नहीं मिलता है।
नाटक विभाग की समस्यायें
सभी कक्षायें एक साथसंचालित की जाती हैं चाहे वह बीपीए की हो या एमपीए की हो।
लगभग 80 विद्यार्थी हैं, विभाग में जबकि शिक्षक मात्र 2 ही है। जबकि 5 शिक्षकों का स्थान अभी भी खाली हैं। 
प्रॉडक्शन केलिये पैसे नहीं मिलते हैं जबकि विभाग के लिये अच्छा बजट विश्वविद्यालय में आता हैं। 
हमें पाठ्यक्रम से जुडे़ अतिथि शिक्षकों का अत्यंत अभवा हैं जोकि हमारी शिक्षा मेंबड़ी बाधा हैं।
मेकअप, लाइट डिजायन और सेट डिजायन के शिक्षक तो अभी तक उपलब्ध नहीं हुये।
पाठ्यक्रम में स्टडी दूर होने के बाद भी हमें विश्वविद्यालय की तरफ से कभी भेजा नहीं जाता है।
हमें तय किया जाये कि प्रत्येक क्लास में कितने प्रॉडक्शन होंगे तथा उनका बजट क्या है जोकि अभी तक न के बराबर मिलता है।
हमारे कार्य के लिये हमेशा समयावधि रहती है जबकि विश्वविद्यालय में कैमरे प्रत्येक स्थान में लगे हैं, तव भी हमें बार बार समयावधि में ही कार्य करने लिये बाध्य किया जाता हैं।
हमारे पाठ्यक्रम में फिल्म मैकिंग थी एक छमाही में है बकि विभाग के पास एक भी फिल्म शिक्षक एवं कैमरे नहीं है।
फैशन डिजायन विभाग की समस्यायें
प्रेक्टिस केलिये हॉल नहीं मिलता है
दो वर्षो से प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष की कक्षायें एक साथ होती है, क्योंकि तर्क संगत नहीं हैं।
फैशन विभाग से संबंधित सामग्री। 
कम्प्यूटर, मशीन, उम्ी जैसी चीजो की अन उपलब्धता है।
फाइन आर्ट से संबंधित समस्यायें
सिलेबस कम्पलीट नहीं होता है।
सुविधायें से ड्राइंग बोर्ड तथा अन्य सामग्री उपलब्ध ही नहीे हैं।
मूर्तिकला में प्रथम वर्ष के लिये पढ़ाने वाला कोई नहीं हैं। 
शिक्षक ढत्रग से पढ़ाते ही नहीं हैं।
क्लासेस समय पर नहीं लगती हैं
यूनीवर्सिटी में काम नहीं करने दिया जाता है दीवारें खराब हो जायेगी। 
इन मांगों को लेकर कुलपति प्रो. लवली शर्मा और विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच चल रही बातचीत बिना समाधान के खत्म हो गयी और छात्र बैठ गये धरना पर मांगों के समाधान होने तक के लिये। 
                     25 सूत्रीय मांगों में से 70 प्रतिशत मांगों का समाधान हो गया है 5 प्रतिशत शिक्षक अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिये छात्रों को मोहरा बना रहे हैं अपने स्वार्थो को हल करने के लिये, बाकी सभी छात्र-छात्रायें बहुत अच्छे मुझ से अकेले में मिलते हैं मैं सभी की सुनती हूं और उनका समाधान करती हूं। 
"प्रो. लवली शर्मा, कुलपति, राजामानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय"

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