राजस्व प्रकरणों के निराकरण में कोई कोताही न बरतें, कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में संभागीय आयुक्त ने कलेक्टरों को दिए निर्देश

502 By 7newsindia.in Wed, Jan 24th 2018 / 21:00:25 प्रशासनिक     

ग्वालियर: संभागीय आयुक्त बी एम शर्मा ने कहा है कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में अधिकारी किसी प्रकार की कोताही न बरतें। राजस्व प्रकरणों के निराकरण को शासन द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं। संभाग में राजस्व न्यायालयों की हर माह रैंकिंग की जायेगी। राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण में अव्वल आने वाले पाँच राजस्व न्यायालयों को पुरस्कृत किया जायेगा। इसके साथ ही प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही पाए जाने पर राजस्व न्यायालय के प्रभारियों के विरूद्ध कार्रवाई भी की जायेगी। 

संभागीय आयुक्त बी एम शर्मा ने बुधवार को मोतीमहल के मानसभागार में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में उक्त निर्देश जिलों के कलेक्टरों, सीईओ जिला पंचायत, अपर कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को दिए। बैठक दो चरणों में सम्पन्न हुई। प्रथम चरण में राजस्व प्रकरणों की समीक्षा और द्वितीय चरण में विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। 

संभागीय आयुक्त बी एम शर्मा ने कहा कि सभी जिलों में सीमांकन, नामांतरण, बटवारा के प्रकरणों का निराकरण तेजी से किया जाए। अनावश्यक रूप से राजस्व प्रकरणों के निराकरण में विलम्ब नहीं किया जाए। राजस्व अधिकारी अपने-अपने न्यायालयों में प्रकरणों के त्वरित निराकरण की प्रक्रिया में तेजी लाएँ। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र के पटवारियों की मासिक बैठक लेकर राजस्व प्रकरणों में अपेक्षित प्रक्रिया को पूर्ण करायें, ताकि राजस्व प्रकरणों का निराकरण तेजी से हो सके। 

संभागीय आयुक्त बी एम शर्मा ने राजस्व अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि राजस्व न्यायालयों में जमीन पर कब्जे के प्रकरणों में संवेदनशीलता का परिचय देते हुए प्रकरणों में प्रभावी कार्रवाई की जाए। जिसकी जमीन पर कब्जा किया गया है, उसे समय पर न्याय मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रकरणों की समीक्षा और कलेक्टर कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य केवल योजनाओं एवं आंकड़ों की समीक्षा करना नहीं है। इस बैठक का उद्देश्य है कि संभाग के अन्य जिलों में जो अच्छे कार्य किए जा रहे हैं, उनका अनुकरण अन्य जिले भी करें। जिन विभागों द्वारा अच्छा कार्य किया गया है, उसकी प्रक्रिया से अन्य अधिकारियों को भी अवगत कराया जाना चाहिए। इसके साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार हेतु कोई सुझाव हो तो उसे भी बताएँ ताकि उस पर अमल किया जा सके। 

संभागीय आयुक्त बी एम शर्मा ने सभी जिला कलेक्टरों से कहा कि शासन के निर्देशानुसार भूमिहीनों को भू-अधिकार पत्र का वितरण किया जाना है। इस अभियान को संभाग के सभी जिलों में प्रभावी रूप से संचालित किया जाए। जिलों में कोई भी भूमिहीन भू-अधिकार पत्र प्राप्त करने से शेष न रहे, इसके प्रयास किए जाएँ। राजस्व का मैदानी अमला भी इस अभियान को समझे और उसके क्रियान्वयन में सक्रियता के साथ कार्रवाई करे। कलेक्टर अपने स्तर पर भी इस अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन की पहल करे। 

सभी जिलों में बनाए जाएँ किसान बाजार 

संभागीय आयुक्त  बी एम शर्मा ने संभाग के सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिये अपने-अपने यहाँ किसान बाजार खुलवाने की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा किसान बाजार में कोई भी किसान अपनी उपज या सब्जी-भाजी, फल लाकर सीधे ग्राहक को बेच सकता है। इसके लिये कलेक्टर अपने-अपने जिला मुख्यालय पर स्थान चयनित कर किसान बाजार खोलने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। ग्वालियर कलेक्टर द्वारा गुढ़ी-गुढ़ा का नाका पर स्थान का चयन कर लिया गया है, जिस पर शीघ्र ही किसान बाजार शुरू किया जायेगा। संभाग के अन्य जिला कलेक्टर भी अपने-अपने जिला मुख्यालय पर शीघ्र ही किसान बाजार शुरू करने की व्यवस्थाल करें। 

विभागीय योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें 

संभागीय आयुक्त बी एम शर्मा ने बैठक के द्वितीय चरण में विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि संभाग के सभी जिलों में शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को समय पर मिले, यह हम सबकी पहली जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सभी जिलों में अधिक से अधिक किसानों को लाभ दिलाने के लिये योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के साथ ही सभी विभागों का मैदानी अमला भी इस योजना के प्रति जन जागृति का कार्य करे। इसके साथ ही किसानों को सॉइल हैल्थ कार्ड का वितरण भी तेजी से किया जाए। ग्वालियर में तीन स्थानों पर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण किया जा रहा है। उनका काम शीघ्र पूर्ण करें, ताकि इन प्रयोगशालाओं में मिट्टी परीक्षण का कार्य किया जा सके। 

शतप्रतिशत नल-जल योजनाओं को चालू कराएँ 

बैठक में संभागीय आयुक्त  बी एम शर्मा ने संभाग के सभी जिलों में नल-जल योजनाओं को शतप्रतिशत चालू कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संभाग में 182 नल-जल योजनायें छोटे-छोटे कार्यों के कारण बंद हैं। इन सभी नल-जल योजनाओं को फरवरी माह के अंत तक चालू कराने की प्रक्रिया की जाए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के अधीक्षण यंत्री श्री अंडमान ने बताया कि संभाग की सभी नल-जल योजनाओं को चालू कराने हेतु विभाग द्वारा तेजी से कार्य किया जा रहा है। फरवरी माह के अंत तक ज्यादातर योजनायें चालू कर दी जायेंगीं। ग्वालियर जिले में 37 नल-जल योजनायें बंद हैं, जिनमें से 28 नल-जल योजनाओं को चालू करने हेतु टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। यह सभी नल-जल योजनायें शीघ्र ही चालू कर दी जायेंगीं। 

स्वच्छता अभियान की समीक्षा 

संभागीय आयुक्त  बी एम शर्मा ने बैठक में संभाग के सभी जिलों में चलाए जा रहे शहरी स्वच्छता अभियान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान को प्रभावी रूप से चलाया जाए। कलेक्टर, एडिशनल कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व इस अभियान में अग्रणी भूमिका निभायें। संभाग के ग्वालियर जिले को छोड़कर अन्य सभी जिलों को ओडीएफ घोषित होने हेतु कार्रवाई करना है। सभी जिले अपने-अपने जिले को ओडीएफ घोषित कराने हेतु प्रभावी कार्रवाई करें। 

सौभाग्य योजना की समीक्षा 

बैठक में सौभाग्य योजना की समीखा करते हुए संभागीय आयुक्त  बी एम शर्मा ने विद्युत मण्डल के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सौभाग्य योजना केन्द्र और प्रदेश सरकार की अति महात्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत शतप्रतिशत घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए जाना है। जिन घरों में विद्युत कनेक्शन नहीं हैं, उन्हें विद्युत कनेक्शन शीघ्र-अतिशीघ्र उपलब्ध कराने की व्यवस्थायें की जाएँ। जिला स्तर पर कलेक्टर इस योजना की नियमित समीक्षा और मॉनीटरिंग करें। 

बैठक में स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास, आदिम जाति कल्याण विभाग की योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। संभागीय आयुक्त श्री बी एम शर्मा ने संभाग स्तरीय अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि अपनी-अपनी विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावी रूप से सुनिश्चित करें। जिला स्तर पर कलेक्टर भी योजनाओं की नियमित समीक्षा कर योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाएँ। बैठक में संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 

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