बॉयोमैट्रिक थम्ब सत्यापन के बाद होगा आरटीई फीस का भुगतान, राज्य शिक्षा केंद्र संचालक ने दिए वीसी में निर्देश

460 By 7newsindia.in Fri, Dec 15th 2017 / 10:55:15 कानून-अपराध     

ऐसी व्यवस्था लागू करने वाला पहला प्रदेश बना मप्र
अब नि:शुल्क शिक्षा अधिकार (आरटीई) के तहत फीस भुगतान आसान नहीं रहेगा। योंकि अब नये नियम के तहत प्राईवेट स्कूल संचालकों को फीस का दावा करने से पहले, प्रवेशी छात्रों को बायोमैट्रिक थंब इंप्रेशन के साथ आधार लिंक करना होगा। जिसका सत्यापन जिलाशिक्षा केंद्र अधिकारी करेंगे, सही ओटीसी नबर मिलने पर संबंधित स्कूलों को आरटीई के तहत भुगतान हो सकेगा। ऐसी व्यवस्था शुरू होने के साथ ही गुरुवार से देश के अग्रणी प्रदेशों की पंक्ति में खड़ा हो गया। जबकि आरटीई प्रक्रिया पूरे देश में वर्ष 2009 से लागू है लेकिन जिले में शुरुआत वर्ष 2011-12 से हो सकी। जिसके तहत ऐसे बच्चे जो आॢथक रूप से पिछड़े हैं, उन्हें मनचाहे स्कूलों में प्रवेश दिये जाने का प्रावधान है।

नहीं चलेगा कोरा दावा

नई व्यवस्था के तहत अब वर्ष 2017-18 के लिए स्कूल संचालकों के कोरे दावे से काम नहीं चलने वाला है, योंकि अब फीस पाने के लिये स्कूलों को निर्धारित प्रक्रिया पूरी कर, आधार से लिंक करना होगा। अन्यथा सरकार द्वारा दी जाने वाली फीस प्रतिपूॢत उलझ कर रह जायेगी। इस तरह का निर्देश गुरुवार को राज्य शिक्षा केंद्र संचालक ने डीपीसी को दिया है।

यों उठाया ऐसा कदम

अब तक स्कूल संचालकों के सबमिट कागजातों को सही मानकर विभाग फीस प्रतिपूॢत का भुगतान करता आ रहा था। जिसका फायदा उठाते हुए जिलाशिक्षा केंद्र अधिकारियों व स्कूल संचालकों की साठगाठ से फर्जी भुगतान की लगातार शिकायतें हो रही थीं, योंकि छात्र चाहे भले ही सरकारी स्कूलों में पढ़ रहा हो लेकिन पड़ोसी निजी स्कूल संचालक, छात्र को अपना बताकर सरकारी फीस का उपयोग कर रहे थे। अब छात्र का थंब इप्रेसन आधार से लिंक होने पर ऐसे मामले पकड़ में आ सकेंगे।

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