NRHM घोटाले की जांच के दायरे में रहे रिटायर सीएमओ डॉ. पवन ने की खुदकुशी

576 By 7newsindia.in Wed, Jan 10th 2018 / 18:55:25 उत्तर प्रदेश     

एनआरएचएम घोटाले की जांच के दायरे मे रहे व उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाएं में निदेशक के पद से रिटायर डा. पवन श्रीवास्तव ने बुधवार की दोपहर में अपने बेडरूम में लाइसेंसी पिस्टल से खुद को अपनी कनपटी पर गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर बहू और बेटा कमरे में पहुंचे तो फर्श पर गिरे पड़े थे। उनकी मौत हो गई थी। बगल में उनकी लाइसेंसी पिस्टल गिरी थी। सूचना के बाद मौके पर सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह  पहुंच गए। जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने डा. पवन के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

  • एनआरएचएच घोटाले की जांच के दायरे में रहे रिटायर सीएमओ डॉ. पवन ने की खुदकुशी
  • गोरखनाथ के माहावीरपुरम स्थित मकान में लाइसेंसी पिस्टल से कनपटी पर मारी गोली  
  • 2010 में उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाएं में निदेशक के पद से रिटायर हुए थे डा. पवन श्रीवास्तव 
  • एनआरएचएम घोटाले में थे आरोपी 15 जनवरी को सीबीआई कोर्ट दिल्ली में थी पेशी

गोरखनाथ थाना क्षेत्र के हुमायूंपुर सुभाष नगर के मूल निवासी डा. पवन श्रीवास्तव इसी थाना क्षेत्र के राजेन्द्र नगर महावीरपुरम में मकान बनावा कर पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे। वह उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाएं में निदेशक के पद पर तैनात थे। वर्ष 2010 में रिटायर हुए थे। उनका नाम भी एनआरएचएम घोटाले से जुड़ा था। वह सीबीआई की जांंच के दायरे मेें थे। रिटायरमेंट से करीब डेढ़ महीने पहले उनकी पत्नी का देहांत हो गया था। उसके बाद से ही वह डिप्रेशन में थे और घर से कम ही बाहर निकलते थे। शहर के एक मनोचिकित्सक के यहां उनका इलाज चल रहा था।

डा. पवन के बेटे डा. पंकज दंत चिकित्सक हैं बरगदवा में उनकी क्लीनिक है। पंकज की पत्नी एकता श्रीवास्तव ने बताया कि सास की मौत और उसके तत्काल बाद रिटायर होने से वह डिप्रेशन में रहते थे। ऊपर से सीबीआई के बुलाने पर उनका अक्सर दिल्ली और लखनऊ आना-जाना होता था उससे भी परेशन रहते थे। घुटनों के दर्द ने भी इन दिनों उन्हें  परेशान किया था। शहर के एक मनोचिकित्सक के यहां उनका इलाज चल रहा था। मंगलवार को डॉक्टर को दिखा कर लौटे थे। 15 जनवरी को सीबीआई  कोर्ट दिल्ली जाना था। उसकी तैयारी कर रहे थे इस बीच यह घटना हो गई।

मंदिर में किया पूजा-पाठ फिर गोली मारकर की खुदकुशी 

डा. पवन श्रीवास्तव ने मकान में ही हनुमान जी का मंदिर बनवाया है। उसी में अन्य देवी-देवताओं की भी तस्वीर है। सुबह उठने के बाद मंदिर की सफाई और पूजा-पाठ कर ही वह नाश्ता करते थे। मंगलवार की सुबह देर से उठे और स्नान करने के बाद मंदिर में पूजा-पाठ करने गए। वहां से सीधे कमरे में गए और अपने कनपटी पर गोली मार ली।

बेड पर बैठकर मारे हैं गोली

डा. पवन सिर में टोपी और गले में मफलर लपेटे थे। ठंड से बचने के लिए स्वेटर और लोवर पहने थे। पूजा के बाद आत्महत्या की जल्दबाजी में मंदिर के गेट पर ही अपनी छड़ी छोड़ दिए थे। कमरे में पहुंचने के बाद बेड पर दक्षीण तरफ रूख कर बैठ कर उन्होंने दाहिने हाथ से कनपटी पर गोली मारे हैं। गोली मारने से पहले उन्होंने टोपी उतार कर बेड पर रख दिया था। हालांकि गोली लगने के बाद वह बेड से नीचे गिर गए। पूरा खून बेड के साथ ही नीचे फर्श पर फैल गया।

घर पर मौजूद थे बेटा-बहू और पौत्र

डा. पवन श्रीवास्तव के तीन बच्चे हैं। एक बेटा और दो बेटी। सभी की शादी हो गई है। बेटा पंकज श्रीवास्तव दंत चिकित्सक हैं। बरगदवा के विकास नगर तथा हुमायूंपुर के सुभाष नगर में देवास डेंटल क्लीनिक चलाते हैं। घटन के वक्त वह क्लीनिक जाने की तैयारी कर रहे थे। जबकि बहू एकता ससुर के लिए नाश्ता बना रही थी। पंकज के दोनों बेटे घर पर अपने कमरे थे। इस बीच गोली की आवाज पर सभी डा. पवन के कमरे की ओर दौड़ पड़े और उनकी मौत की सूचना पुलिस को दी। 

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