नपा के खाते में आये साढ़े चार करोड़, अधिकारियों ने मना किया

455 By 7newsindia.in Fri, Jan 5th 2018 / 21:42:46 प्रशासनिक     

ग्वालियर / सर्वेश त्यागी
शहर में ढाई लाख की आबादी सिंध के पानी का अपने घरों में आने का इंतजार कर रही है और प्रोजेक्ट का काम कर रही दोशियान कंपनी भुगतान न होने की वजह से काम को गति नहीं दे पा रही। प्रोजेक्ट की निर्माण एजेंसी नगर पालिका में दोशियान के कर्मचारी आए दिन चक्कर लगा रहे हैं, तो वहां से एक ही जवाब मिलता है कि भोपाल से पैसा नहीं आया। जबकि चौंकाने वाली बात यह है कि संचालनालय नगरीय प्रशासन भोपाल ने 27 अक्टूबर 2017 को ही 4.39 करोड़ रुपए भेज दिए। यह खुलासा तब हुआ,जब दोशियान के जीएम भुगतान के लिए भोपाल पहुंचे और उन्हें राशि भेजने वाला पत्र भी दिया गया।

इससे बड़ी लापरवाही क्या होगी कि नपा के खाते में तीन माह पूर्व ही राशि आ गई,बावजूद इसके उसके जनप्रतिनिधि व अधिकारी इस बात से अनभिज्ञ बने हुए हैं। एक तरफ जहां पूरा शहर जलावर्धन प्रोजेक्ट के पूरा होने की उम्मीद लगाए बैठा है, लेकिन नगर पालिका में इस बात की चिंता करने वाला कोई नहीं....वाह री मेरी नपा..? गौरतलब है कि सिंध का पानी ग्वालियर बायपास तक 15 दिन पूर्व यानि 20 दिसंबर को आ गया था और इतने समय में अभी तक शहर की तीन-चार टंकियों को भरने का काम शुरू हो जाना चाहिए था।

बीते 22 दिसंबर को जब कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने जलाभिषेक यात्रा निकाली, उस दिन दोशियान के जीएम महेश मिश्रा ने कहा था कि अब आगे का काम तेजी से हो, इसके लिए भुगतान चाहिए। नपा के जिम्मेदार व अन्य अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि भुगतान की समस्या का निराकरण करेंगे। राशि न मिलने से कंपनी काम को वो गति नहीं दे पा रही,जिसके चलते आमजन तक पानी पहुंचने का इंतजार बढ़ता जा रहा है। नपा सीएमओ रणवीर कुमार लंबी छुट्टी पर चले गए तथा नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह पर कोलारस विधानसभा उपचुनाव की जिम्मेदारी है। इन हालातों के बीच नपा में यह देखने वाला भी कोई नहीं कि कौन से मद में कब, कितनी राशि आई।

27 अक्टूबर को जारी हुई राशि, नपा में खोई 

संचालनालय नगरीय प्रशासन विकास मप्र भोपाल के लेखा अधिकारी एजे एक्का ने 27 अक्टूबर 2017 को राशि देने के साथ ही एक पत्र जारी किया। जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि यूआईडीएसएसएमटी योजनांतर्गत स्वीकृत पेयजल योजना के क्रियान्वयन हेतु राशि 439.50 लाख (4 करोड़ 39 लाख 50 हजार रुपए) आहरण कर, भुगतान करने की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाती है। यह राशि कोषालय स्तर से ई-ट्रांसफर से नगरपालिका शिवपुरी के बैंक खाते में अंतरित की जाएगी।

यह राशि नपा के बैंक खाते में ट्रांसफर करने के साथ ही पत्र भी नपा को भेजा गया। राशि तो बैंक खाते में आ गई, लेकिन जो पत्रभेजा गया, उसे देखने की फुर्सत किसी को नहीं मिली। यही वजह है कि ढाई माह पूर्व राशि मिलने के बाद भी नगरपालिका के जिम्मेदार उससे अनभिज्ञ ही बने रहे।

"हमने नगर पालिका से होने वाले भुगतान के लिए इतने चक्कर लगाए, लेकिन हर बार एक ही जवाब मिला कि भुगतान ऊपर से नहीं आया। जबकि वो राशि ढाई माह पूर्व ही अक्टूबर 2017 को जारी हो गई, तथा उसका एक पत्र भी नपा शिवपुरी को भेजा गया। नपा का तो कोई धनीधोरी नहीं हैं।

"महेश मिश्रा, जीएम दोशियान कंपनी"

"यह बात सही है कि लगभग ढाई माह पूर्व 4.39 करोड़ की राशि भोपाल से भेजी जा चुकी है। वो राशि उस बैंक एकाउंट में भेजी गई,जिसमें मूलभूत मद की राशि भेजी जाती है। जो पत्र जारी हुआ, वो मुझे आज ही मिला है,अब हम उस राशि को निकालकर कंपनी को भुगतान करवा देंगे।" 

"राघवेंद्र श्रीवास्तव, एकाउंटेंट नपा"

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