स्कूलों में सीसीटीवी लगें, पूरे स्टाफ की हो पुलिस जांच सीबीएसई ने जारी की गाइडलाइंस, 16 सितंबर तक मांगी रिपोर्ट

475 By 7newsindia.in Fri, Sep 15th 2017 / 10:16:13 प्रशासनिक     

नई दिल्ली । गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुई 7 साल के बच्चे की हत्या को लेकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने संबंधित स्कूलों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। सीबीएसई ने अपने सत निर्देशों में कहा है कि स्कूल कैंपस के अंदर बच्चे की सुरक्षा की जिमेदारी स्कूल प्रशासन की होगी। कोने-कोने में लगाए जाएं सीसीटीवी: इसके अलावा सर्कुलर में सभी स्कूलों को अपने कैंपस में कोने- कोने पर सीसीटीवी कैमरा लगाने का ऑर्डर भी दिया है। साथ ही स्कूल ये भी सुनिश्चित करें कि हर कैमरा काम कर रहा है या नहीं। स्कूल प्राचार्यों को लिखे पत्र में सीबीएसई ने कहा है कि बच्चे स्कूल में सबसे ज्यादा समय व्यतीत करते हैं। इसलिए बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों की चिताएं प्रतिदिन बढ़ रही हैं। ऑथोराइज्ड एजेंसी चुनें सपोर्टिंग स्टाफ को: सपोर्टिंग स्टाफ की नियुक्ति ऑथोराइज्ड एजेंसी से ही हो यह सुनिश्चित करें। रिकॉर्ड को प्रॉपरली मेंटेन करें। पैरेंट्स टीचर स्टूडेंट्स कमिटी की स्थापना करें। सुरक्षा और आवश्यकताओं पर लगातार अभिभावकों से फीडबैक लें। स्कूल बिल्डिंग का उपयोग बाहरी लोगों द्वारा करने पर नियंत्रण हो, तथा विजिटर्स को मॉनिटर किया जाए।

स्कूल वैन में भी लगेंगे सीसीटीवी कैमरे शिक्षा विभाग ने सुरक्षा को लेकर जारी किए निर्देश शहर प्रतिनिधि,

भोपाल। हरियाणा के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात साल के बच्चे की हत्या के बाद शिक्षा विभाग ने प्रदेश के स्कूलों की सुरक्षा को लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं। अब स्कूल वैन में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। ये निर्देश सीबीएसई व आईसीएसई स्कूलों के लिए भी रहेंगे। बड़ा सवाल यह है कि सीसीबीएसई व आईसीएसई स्कूल मप्र स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशों का पालन करते ही नहीं हैं। बीते दस सालों में विभाग इन स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए अभी तक कोई एट ही नहीं बना पाया है। आयुत लोक शिक्षण नीरज दुबे द्वारा गुरुवार को स्कूलों की सुरक्षा को लेकर जारी निर्देशों में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त स्कूलों के समस्त टीचिंग एण्ड नान टीचिंग स्टाफ से यह शपथ पत्र प्राप्त लेना अनिवार्य होगा कि उनके विरुद्ध लैंगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2002 तथा किशोर अधिनियम 2000 के अंतर्गत कोई मामला दर्ज नहीं है। शाला को स्कूल बसों में महिला कंडटर की उपलधता अनिवार्य है। संचालनालय द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि यदि महिला कंडटर उपलध न हो तो बच्चों को घर से लाते तथा वापस छोड़ते हुए अंतिम छात्र तक कम से कम एक महिला शिक्षिका अथवा स्टाफ वाहन में रहना चाहिए। मान्यता लेने वाले स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वाहन हेतु सरकार द्वारा निर्धारित सुरक्षा नियम का पालन हो रहा है। मान्यता के लिए आवेदन करते समय उसे रजिस्ट्रीकृत वाहनों की सूची लगाना अनिवार्य होगा। सीबीएसई, आईसीएसई समेत सभी निजी स्कूलों के समस्त शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक स्टाफ जिनमें बस ड्रायवर, कंडटर, माली, चौकीदार आदि समलित हैं, उनका पुलिस सत्यापन कराया जाए। सभी शालाओं में आउट सोर्सिंग के आधार पर रखे जाने वाले कर्मचारियों का भी चरित्र सत्यापन कराया जाए। मान्यता नियमों के अंतर्गत सभी स्कूलों में पार्ट टाइम काउंसलर रखे जाए। बसों, बच्चों को स्कूल ले जाने वाली वैन तथा शालाओं में आवश्यक समस्त स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाए। प्रत्येक विद्यालय में शिकायत पेटी रखी जाए। जिसमें अभिभावक तथा विद्यार्थी अपनी शिकायत लिखकर डाल सके। शाला प्राचार्य द्वारा प्रतिदिन शिकायत पेटी को खोलकर यदि संाव हो, तो उसका निराकरण किया जाए। स्कूलों के बाथरूम तथा खिड़कियों में आवश्यक दरवाजे तथा जालियां लगी हों। प्रत्येक स्कूल में चौकीदार की आवश्यक व्यस्थाएं हो। इसके अलावा स्कूल बसों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किया जाए।

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