श्रीनिवास तिवारी की पार्थिव देह पहुंची, प्रशंसकों ने दी अपने नेता को श्रद्धांजलि, रो पड़ा पूरा विंध्य

691 By 7newsindia.in Sat, Jan 20th 2018 / 19:38:39 मध्य प्रदेश     

सुरेंद्र तिवारी 

श्रीनिवास तिवारी के अंतिम दर्शन के लिए पूरा विंध्य सहित मध्यप्रदेश के लाखों कार्यकर्ता व समर्थक पहुंच गए है।
रीवा / सतना । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के अंतिम दर्शन के लिए पूरा विंध्य सहित मध्यप्रदेश के लाखों कार्यकर्ता व समर्थक पहुंच गए है। बता दें कि, 93 वर्षीय तिवारी ने दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में शुक्रवार को अंतिम सांस ली।
उन्हें तीन दिन पहले उपचार के लिए दिल्ली ले जाया गया था। तिवारी का पार्थिव शरीर शनिवार की दोपहर 2 बजे दिल्ली से विशेष विमान से चलकर 4 बजे सतना पहुंचा है। सतना हवाई पट्टी पर श्रीनिवास तिवारी के अंतिम दर्शन के लिए हजारों समर्थकों का हुजूम टूट पड़ा। 
आनन-फानन में प्रशासन को समर्थकों की लाइन लगानी पड़ी। तब कहीं जाकर हालत सामान्य हुए। शव यात्रा सतना से 4.30 बजे बेला सड़क मार्ग होते हुए ढेकहा, जयस्तंभ, स्टेच्यू चौक होते हुए अमहिया में रखा जाएगा।
21 जनवरी रविवार को सुबह 10 बजे अंतिम यात्रा अमहिया से गृहग्राम तिवनी के लिए रवाना होगी। दादा के मौत की खबर मिलते ही भोपाल पीसीसी में शोकसभा कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान, कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने दुख जताया।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के अंतिम संस्कार में 21 जनवरी को तिवनी ग्राम में शामिल होंगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान।
- पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर भी आएंगे रीवा।
- नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सहित कई दिग्गज नेता भी होंगे शामिल।

- हवाई अड्डे पहुंचे सतना कलेक्टर मुकेश शुक्ला।
- राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा भी 21 जनवरी को पहुंचे तिवनी।
- रीवा डीआईजी एनपी बड़कडे एरोड्रम पहुंचे।
- 3.30 बजे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी का पार्थिक शरीर सतना हवाई अड्डा पहुंचा।
- हजारों के तादात में लोग कर रहे अंतिम दर्शन
- 4 बजे सड़क मार्ग से रीवा होंगे रवाना।
- भारी जनसमुदाय उमड़ा
- अंतिम दर्शन को लगी कतार
- सतना एरोड्रम पर पहुंचे राज्य मंत्री संजय पाठक, सांसद गणेश सिंह, सतना महापौर ममता पांडेय, रीवा जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्रा सहित स्थानीय भाजपा के कई नेता हवाई पट्टी पर लगी भीड़।
- श्रद्धांजलि देने पहुंचे संजय पाठक, सतना सासंद गणेश सिहं, रीवा सासंद जर्नादन मिश्रा, सतना महापौर ममता पाण्डेय, सतना विधायक शंकरलाल तिवारी, पूर्व सुरेंद्र सिहं गहरवार सहित सतना जिले के तमाम गणमान्य नागरिक पहुंचे।
सात दशक का रहा सियासी सफर
विंध्य के दिग्गज नेता रहे तिवारी का सात दशक तक का सियासी सफर चर्चित रहा। तिवारी सन् 1952 में प्रदेश के सबसे कम उम्र के विधायक चुने गए थे। इसके बाद से मध्यप्रदेश सरकार में कई विभागों के मंत्री रहने के साथ ही 1990 में डिप्टी स्पीकर बने। 1993 से २2003 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे। पुत्र सुंदरलाल तिवारी गुढ़ से कांग्रेस के विधायक हैं।
इन जिलों से पहुंचे कार्यकर्ता
तिवारी के निधन की खबर मिलते ही पूरा विंध्य क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। उनके रीवा स्थित घर सहित सतना हवाई पट्टी पर लाखों कार्यकर्ता पहुंच चुके है। इसमें रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, डिंडोरी, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, सागर सहित कटनी, जबलुपर के समर्थकों को तांता लगा हुआ है। प्रशासन ने सुरक्षा-व्यवस्था के तगड़े इंतजाम किए हुए है।
"मध्यप्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी का निधन, 21 को तिवनी में होगा अंतिम संस्कार"
कल सीएम शिवराज सिंह चौहान पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर रीवा के गृह ग्राम तिवनी आएंगे। इसके लिए मनगवा हायर सेकडंरी ग्राउंड में पीडब्लूडी ने हेलीपैड बनवाया।
Sriniwas tiwari 
राजनीति के 'पंडित' थे श्रीयुत
- चुनाव नहीं लडऩे की उम्र में चुनाव लड़े और जीता, मामला हाई कोर्ट पहुंचा जहां कुंडली लगाकर उम्र साबित की।
- पहले चुनाव में विंध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष यादवेंद्र सिंह से लड़े, वह जीतते तो सीएम होते। उन्हीं से राजनीतिक सीख चुनाव के समय भी लेते रहे।
- स्वास्थ्य मंत्री रहते शिक्षा विभाग की फाइल में हस्ताक्षर कर दिया। सवाल उठा तो बोले कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है, किसी एक विभाग की नहीं।
- मुख्यमंत्री रहे अर्जुन सिंह के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि वह भी मंत्री की तरह विधायक हैं, सब कुछ नहीं हो सकते।
- विधानसभा अध्यक्ष रहते कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी रहे, कहा कि पार्टी की वजह से विधायक बना और विधानसभा अध्यक्ष। ऐसा करने वाले इकलौता विधानसभा अध्यक्ष रहे।
- देश में पहली बार विधानसभा के भीतर मुख्यमंत्री प्रहर कार्यक्रम शुरू किया, जिसमें सीएम को अनिवार्यरूप से जवाब देना होता था।
- दस वर्ष के विधानसभा अध्यक्ष कार्यकाल में विधायक डॉ. सुनीलम के अलावा किसी पर मार्शल का उपयोग नहीं किया।
चर्चा में रहे तिवारी के यह बयान
- विंध्य प्रदेश की जनता का मौलिक अधिकार है कि वह अपने भाग्य का निर्णय कर सकें।
- अर्जुन सिंह से मतभेद था, मनभेद नहीं।
- जवानी उम्र से नहीं भावनाओं से आंकी जाती है।
- हमारी सहमति से प्रत्याशी चयन नहीं तो उसके लिए वोट नहीं मांग सकता।
- राजीव गांधी की सिरमौर चौराहे की प्रतिमा को तोड़ा तो अपने दीनदयाल को नहीं बचा पाएगी भाजपा।
- हां प्रदेश में कांग्रेस की समानांतर अमहिया सरकार है और मैं उसका सीएम हूं।
- तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि भाजपा सरकार से मिली भगत से काम कर रहे कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष।

सफरनामा
- जन्म-17 सितंबर 1926
- जन्म स्थान- ग्राम शाहपुर ननिहाल
- गृहग्राम- तिवनी
- माता- कौशल्या देवी
- पिता- पं. मंगलदीन तिवारी
- प्रारंभिक शिक्षा- तिवनी, मनगवां एवं मार्तंड स्कूल रीवा
- उच्च शिक्षा- एमए, एलएलबी, टीआरएस कालेज रीवा
- राजनीति में प्रवेश: छात्र जीवन से ही स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी, सामंतवाद के विरोध मेंं कार्य
- विधायक : 1952, 1957, 1972 से 1985, 1990 से 2003 तक लगातार
- प्रदेश सरकार में मंत्री : 1980
- विस उपाध्यक्ष: 23-3-90 से 15-12-92
- अध्यक्ष विधानसभा: 1993 से 2003 तक
- उपलब्धियां : राजनीति, समाजसेवा, प्रशासन एवं साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य

 

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