पहली बार अध्यापकों का ऐसा विरोध... मांगों को लेकर 4 महिलाओं समेत 100 से ज्यादा ने कराया मुंडन

688 By 7newsindia.in Sun, Jan 14th 2018 / 13:48:22 कानून-अपराध     

सुरेन्द्र तिवारी
शिक्षा विभाग में संविलियन, सातवां वेतनमान सहित कई मांगों को लेकर अध्यापक लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। शनिवार को जंबूरी मैदान पर उन्होंने आंदोलन का अनोखा तरीका अपनाया। आजाद अध्यापक संघ की प्रांताध्यक्ष शिल्पी सिवान, अालीराजपुर की सीमा क्षीरसागर, रायसेन की रेणु सागर और अर्चना शर्मा सहित 100 से ज्यादा लोग बारी-बारी से मंच पर आए और मुंडन करवाकर सरकार की नीतियों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।

मांगों की खातिर|जंबूरी मैदान में जुटे प्रदेशभर के अध्यापकों ने गुस्सा जताते हुए कहा-सरकार ने पूरे नहीं किए वादे 

भोपाल : सरकार की नीतियों से नाखुश और अपनी मांगों को लेकर अधिकारी-कर्मचारी राजधानी में हमेशा से विरोध प्रदर्शन करने आते रहे हैं। नेताओं, अफसरों का ध्यान खींचने के लिए वे विरोध जताने के कई तरीके अपनाते हैं। मगर शनिवार को अध्यापकों ने जो किया, वह इससे पहले नहीं देखा गया। आजाद अध्यापक संघ के आह्वान पर जंबूरी मैदान में कार्यवाहक प्रांताध्यक्ष शिवराज वर्मा सहित सौ से ज्यादा पुरुष अध्यापकों ने सामूहिक मुंडन कराया।

 सरकारी नीतियों से खफा अध्यापकों ने कराया सामूहिक मंुडन, इस दौरान 3 लोग हुए बेहोश 

           मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार से निराश हो चुकीं महिला अध्यापकों ने शनिवार को सरेआम मुंडन कराया। उनके साथ पुरुष अध्यापक भी शामिल थे। भोपाल के जंबूरी मैदान में जब महिला अध्यापकों ने मुंडन कराना शुरू किया तो वहां मौजूद कई कई लोगों की आंखों में आंसू आ गए। इसी दौरान एक महिला और दो पुरुष अध्यापक गश खाकर गिर गए। तीनों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हालात यह थे कि मुंडन करने वाले नाई के भी हाथ कांप रहे थे। आजाद अध्यापक संघ की प्रांताध्यक्ष शिल्पी शिवान ने ऐलान किया था कि यदि मप्र की भाजपा सरकार उनकी मांगें नहीं मानी तो वो 13 जनवरी को भोपाल पहुंचकर मुंडन कराएंगी। इसके बाद उन्होंने प्रदेश भर में अधिकार यात्रा का आयोजन किया। सरकार में बैठे भविष्यदृष्टाओं को कतई उम्मीद नहीं थीं कि महिला अध्यापक अपने ऐलान पर अमल भी करेंगी लेकिन जैसे ही जंबूरी मैदान में मुंडन कार्यक्रम शुरू हुआ, सरकारी अफसरों के भी हाथ पांच फूल गए। विरोध के दौरान करीब 120 अध्यापकों ने सरकार के विरोध में मुंडन कराया। विरोध के दौरान सुरेंद्र पटेल, आशीष दुबे और सारिका अग्रवाल बेहोश हो गए। इसके बावजूद जंबूरी मैदान में जुटी अध्यापकों की भीड़ के बीच मुंडन कराने को लेकर होड़ मची रही। जिन महिला टीचर्स ने मुंडन कराया उनमें प्रांत अध्यक्ष शिल्पी सिवान, रेणु सागर, अर्चना शर्मा और सीमा छीरसागर शामिल हैं। 


संघ की प्रांताध्यक्ष शिल्पी सिवान, अलीराजपुर की सीमा क्षीरसागर, रायसेन की रेणु सागर और जबलपुर की अर्चना शर्मा मंच पर आईं और केश उतरवा दिए। यह दृश्य कई लोगाें से देखा नहीं गया। नरसिंहपुर के दो अध्यापक सुरेंद्र पटेल, आशीष दुबे और पुष्पा प्रजापति बेहोश हो गई थीं। इन्हें अस्पताल भर्ती कराना पड़ा। कई अध्यापकों की आंखें भर आईं। सिवान ने बताया कि हमने जेवर गिरवी रखकर मैदान का किराया 1.43 लाख रुपए चुकाया ताकि सरकार हमारी हालत पर ध्यान दे। सरकार सम्मेलन और बैठक बुलाने के नाम पर सिर्फ भरोसा दे रही है, मांगें पूरी नहीं कर रही है। सिवान ने बताया कि उनके पति और ससुर ने भी इसके लिए सिर्फ हामी ही नहीं भरी, बल्कि उन्होंने भी मुंडन कराकर हौसला बढ़ाया। 

शिक्षकों की शपथ : भाजपा को भूलकर भी वोट नहीं देंगे 
महिलाओं के मुंडन कराने का नजारा देखकर एक अध्यापक बेहोश हो गया। उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया। 
प्रदेश के पांच कोनों से आए रथ 

सुबह अध्यापकों की रथ यात्रा मैदान पहुंची थी। प्रदेश के पांच कोनों से पांच जनवरी को निकले इन रथों ने आठ दिन में पूरे 51 जिलों की यात्रा कर अध्यापकों को एकजुट किया था। ये रथ पांच जनवरी से ओंकारेश्वर, गुना, टीकमगढ़, ओरछा और बैतूल से निकले थे। 

बेहोश होेने की खबर मिलते ही पुलिस हरकत में : अध्यापकों के बेहोश होने की खबर फैलने के बाद एएसपी धर्मवीर सिंह और हितेश चौधरी, गोविंदपुरा एसडीएम मुकुल गुप्ता समेत महिला पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। तीन के बेहोश होने के बाद वहां 108 एंबुलेंस बुला ली गई थी। अध्यापकों के अन्य कुछ संगठनों के पदाधिकारी समर्थन देने मंच पर पहुंचे तो मैदान में डटे अध्यापकों ने उन्हें बीच से हटा दिया। 

धरने के बाद ली शपथ: धरने के बाद अध्यापकों ने शपथ ली कि अगले चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देंगे। इस सरकार से अब कुछ नहीं मांगेंगे। 

मांग: 

विसंगति: वेतन नगरीय प्रशासन, पंचायत, आदिम जाति कल्याण और स्कूल शिक्षा विभाग से आता है। मूलत: वे नगरीय निकायों के अंतर्गत हैं। 

अध्यापकों की प्रमुख मांगें 

शिक्षा विभाग में संविलियन, सातवां वेतन देने, बंधन मुक्त तबादला नीति, अनुकंपा नियुक्ति, चाइल्ड केयर लीव। 

 

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