वनराज को लोगों ने छुहिया घाटी के मझगवां जंगल में देखा

401 By 7newsindia.in Wed, Jan 10th 2018 / 01:56:36 मध्य प्रदेश     

रीवा | एक सप्ताह से वन विभाग की नींद उड़ा देने वाले वनराज को लोगों ने छुहिया घाटी के मझगवां जंगल में देखा है। सोमवार की सुबह वनराज को देख लोगों के होश उड़ गए। इस दौरान रावेन्द्र प्रसाद मिश्रा ने जब बाघ को देखा तब लोगों को इसकी जानकारी दी। वन विभाग को भी सूचना दी गई है। बताया गया है कि अभी तक किसी भी वन विभाग के अधिकारी द्वारा स्थल का जायजा नहीं लिया गया है।

गौरतलब है कि एक सप्ताह से सतना जिले के अमरपाटन के विभिन्न जंगलों में बाघ देखे जाने की जानकारी मिल रही थी। हालांकि उक्त बाघ को संजय टाइगर रिजर्व का बताया गया है। जबकि टाइगर रिजर्व के संचालक ने यह पुष्टि नहीं की है कि वह बाघ उनके यहां का है। बताया गया है कि संजय टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना कराए जाने के बाद वहां पर कोई भी बाघ कम नहीं मिला है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि उक्त बाघ किसी अन्य स्थान का हो सकता है। बीते दिनों पपरा पहाड़ी में देखे गए बाघ के बाद छुहिया घाटी के मझगवां में देखे जाने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यह वही बाघ है जो बीते दिनों पपरा में देखा गया था। हालांकि बाघ  की कॉलर आईडी के बारे में लोगों ने नहीं बताया है। इसलिए यह कह पाना मुश्किल है कि वह किसी राष्टÑीय उद्यान का है।

पन्ना से पहले भी भाग चुका है बाघ पी-212
एक वर्ष पूर्व पन्ना से भागे बाघ पी-212 ने वन विभाग को महीनों तक छकाया था। हालांकि महीनों बाद उसे मऊगंज के पास ट्रंकोलाइज कर पकड़ा गया था और उसे संजय गांधी नेशनल पार्क भेज दिया गया था। पन्ना से निकले इस वनराज ने परसमनिया, अमरपाटन, पपरा, गोविंदगढ़, छुहिया, मोहनिया का सफर तय करते हुए मऊगंज पहुंचा था, जहां से उसके पीछे लगी वन विभाग की टीम ने उसे पकड़कर नेशनल पार्क भेजा था। 

रात्रि में होता है बाघ का मूवमेंट
वाइल्ड लाइफ की मानें तो बाघ का मूवमेंट रात में ही होता है। दिन भर वह किसी झाड़ियों में विश्राम करने के बाद रात में 24 मील का सफर तय करता है। इस दौरान वह अपने शिकार की भी जुगाड़ में रहता है। बताया गया है कि जंगल में रहना वाला शेर एक सप्ताह में एक बार शिकार करता है। हालांकि अभी इस बाघ द्वारा शिकार किए जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है।

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