दिल्ली सरकार का ऐलान: Odd-Even के दौरान DTC बसों में नहीं लगेगा टिकट

769 By 7newsindia.in Fri, Nov 10th 2017 / 18:08:40 प्रशासनिक     

द‌िल्ली सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए ऑड-ईवन के दौरान डीटीसी और क्लस्टर बसों का सफर मुफ्त करने की घोषणा कर दी है। यानी अब 13 से 17 नवंबर तक द‌िल्लीवासी डीटीसी व क्लस्टर बसों में मुफ्त सफर कर सकेंगे। हालांकि द‌िल्ली सरकार द्वारा सोमवार से लागू की जा रही ऑड-ईवन स्कीम पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। एनजीटी ने द‌िल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए इस योजना को लागू करने के ल‌िए उनके सामने शर्त रखी है। एनजीटी ने द‌िल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर चल रही बहस में जब दोपहर दो बजे दोबारा सुनवाई शुरू की तो कहा हमारी हरी झंडी के ब‌िना ऑड-ईवन लागू नहीं क‌िया जा सकता। ट्र‌िब्यूनल ने आगे कहा क‌ि गारंटी दें क‌ि ऑड-ईवन नुकसानदेह नहीं है, तभी लागू करने द‌िया जाएगा। प्रदूषण को लेकर एनजीटी और सरकार के बीच चल रही बहस में एनजीटी ने कहा है कि ऑड ईवन लागू होगा या नहीं इसका फैसला शनिवार को होगा।

सीएनजी चालित वाहनों को छूट रहेगी

प्रदूषण स्तर के लगातार 48 घंटे इमरजेंसी स्तर पर रहने के बाद दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार को वाहनों की सम-विषम योजना की घोषणा कर दी। यह योजना सोमवार 13 नवंबर से 17 नवंबर तक सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक लागू रहेगी। दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि बीते साल की तरह इस बार भी सम विषम के दौरान छूट व नियम लागू रहेंगे। करीब 25 लाख वाहनों पर लागू इस नियम से रोजाना सड़कों से 12 लाख से अधिक वाहन हटेंगे। गहलोत ने बताया कि प्रदूषित हवा की आपात स्थिति को देखते हुए हम ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान के तहत सम विषम लागू करने के लिए बाध्य हैं।  सीएनजी चालित वाहनों को छूट रहेगी। इसके लिए शुक्रवार से दिल्ली के 11 जिलों में 22 सीएनजी स्टेशनों पर दो बजे से स्टिकर मिलेंगे। पहले से जिन वाहनों पर स्टीकर लगा है वह मान्य होगा।

एनसीआर के शहरों से आने वाले वाहनों पर भी यह लागू होगा। इस बार भी दुपहिया, सीएनजी वाहन, इमरजेंसी वाहन, महिला चालक, राष्ट्रपति समेत कुल 25 से अधिक कैटेगरी के वाहनों को सम विषम से छूट है। नियम नहीं मानने वालों को 2000 रुपये का चालान किया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को यह छूट नहीं मिलेगी। परिवहन मंत्री ने कहा कि दिल्ली वालों को दिक्कत न हो, इसके लिए डीटीसी से 500 बसें और दिल्ली मेट्रो की लास्ट माइल कनेक्टविटी के लिए 20 रूटों पर 100 बसों का इंतजाम करने के लिए कहा है। सड़कों पर करीब 5000 वालंटियर्स भी उतारे जाएंगे।

तारीख तय करेगी किस नंबर की चलेगी गाड़ी

किस तारीख को कौन सी गाड़ी चलेगी, यह तारीख के नंबर पर तय करेगा। विषम तारीख यानी 13, 15, 17 को विषम नंबर के ही वाहन चलेंगे। इसी तरह सम तारीख यानी 14, 16 नवंबर को वही वाहन चलेंगे जिसके आखिर में 2, 4, 6, 8 और 0 होगा। जीरो को सम नंबर माना जाएगा।

            पहले दिन 13 नवंबर को सिर्फ विषम नंबर वाले वाहन चलेंगे। सम-विषम से देश का सामान्य कामकाज प्रभावित न हो, इसके लिए महत्वपूर्ण लोगों को इस नियम से छूट दी गई है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के राज्यपाल, भारत के मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्रियों को नियम से छूट रहेगी। लोकसभा व राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष, सभी राज्यों व केंद्रशासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को, सिर्फ दिल्ली के मुख्यमंत्री को छोड़कर, सुप्रीम के जजों, लोकसभा व राज्यसभा उपाध्यक्ष, दिल्ली हाईकोर्ट के जज, केंद्रशासित राज्यों के एलजी, लोकायुक्त, इमरजेंसी वाहन (एंबुलेंस, पुलिस, फायर ब्रिगेड, अस्पताल, जेल) को छूट रहेगी। इनफोर्समेंट व्हीकल (परिवहन विभाग, राजस्व विभाग, पैरामिलेट्री फोर्स), रक्षा मंत्रालय के वाहनों, दूतावासों के सीडी नंबर वाले वाहनों, एसपीजी सुरक्षा वाले वाहनों, सीनजी चालित वाहन, मेडिकल इमरजेंसी पर निजी वाहनों को भी, महिला चालक की कार, विकलांग चालक और सवारी वाले वाहनों को छूट नियम से मिलेगी।

एक नजर में वाहनों की संख्या

1.05 करोड़ वाहन दिल्ली में रजिस्टर्ड।

- 63.26 लाख दुपहिया वाहन है। 

- 30.42 लाख निजी कारें।

- 2.21 लाख गुड्स कैरियर।

- 1.13 लाख मोपेड।

- 3.75 लाख अन्य वाहन रजिस्टर्ड हैं। 

- 25.60 लाख वाहन (अनुमानित) दायरे में आएंगे। 

- 12.30 लाख रोजाना सड़कों से हटेंगे। 

- 4-6 लाख एनसीआर के वाहन दिल्ली आते हैं।

- 1300 से अधिक एंबुलेंस रजिस्टर्ड है। 

- 8000 एंबेंसी कारों को छूट है। 

- 3.50 लाख सीएनजी कारों (अनुमानित) को छूट है। 


यहां से लें सीएननी वाहन स्टीकर 

जिला                        यहां मिलेंगे 

नई दिल्ली                 सराय काले खां, सीजीओ कॉम्प्लेक्स 

उत्तरी दिल्ली               नरेला मेगा, धीरपुर 

उत्तरी पश्चिमी              रोहिणी मेगा, शकरपुर 

पश्चिमी                      जनकपुरी डिस्ट्रिक सेंटर, जेल रोड, 

दक्षिण पश्चिमी            द्वारका सेक्टर-20, व 13 

दक्षिणी दिल्ली            नेल्सन मंडेला रोड व आरकेपी 10 

मध्य जिला                उद्यान मार्ग 

उत्तर पूर्व जिला           सीलमपुर, नंदनगरी 

शाहदरा                    सीबीडी ग्राउंड, विवेक विहार 

पूर्वी जिला                 पीपीजी मार्ग, मयूर विहार

सम-विषम आम आदमी की जेब पर भारी पड़ने वाला है

प्रदूषण के चलते राजधानी में 13 नवंबर से आनन-फानन में लागू होने जा रहा सम-विषम आम आदमी की जेब पर भारी पड़ने वाला है। मेट्रो का किराया बढ़ गया है और पार्किंग की फीस चार गुना तक बढ़ा दी गई है। बसों का टाइम टेबल तय नहीं है। ऐसे में आम लोग समय पर गंतव्य तक पहुंचना चाहते हैं तो मेट्रो और टैक्सी ही विकल्प हैं। यह दोनों ही विकल्प मौजूदा हालात में जेब पर भारी पड़ने वाले हैं। दिल्ली में सम-विषम लागू होने पर रोज करीब 12.50 लाख वाहन सड़कों से हटेंगे। इन वाहन को छोड़ने वालों के पास मेट्रो, टैक्सी, ऑटो और बस विकल्प हैं। आप पार्किंग में वाहन लगाकर मेट्रो से सफर करना चाहते हैं तो चार गुना शुल्क देना होगा। मसलन, आप कार पार्किंग के पहले 20 रुपये दे रहे थे तो अब वह 80 रुपये हो गया है। दूसरा विकल्प ऑटो व टैक्सी है। सम-विषम लागू होने पर मांग बढ़ते ही ओला, उबर जैसी कंपनियां सर्ज प्राइसिंग के जरिये किराया बढ़ा देती हैं तो ऑटो वाले भी ज्यादा किराया मांगते हैं। आपको गंतव्य पहुंचने के लिए ज्यादा किराया देना पड़ेगा। अगर आप सबसे सस्ते में बस से जाने की सोच रहे हैं तो तय समय पर गंतव्य तक नहीं पहुंच पाएंगे। सरकार के पास बसों की कमी है। उनका कोई टाइम टेबल भी तय नहीं है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि हम सड़कों पर बसों की संख्या बढ़ाएंगे। इसके लिए डीटीसी 500 बसें हायर करेगा। दिल्ली मेट्रो लास्ट माइल कनेक्विटी के लिए 100 बसें देने के लिए कहा है, जिससे लोगों को पार्किंग तक आने के लिए अपने वाहन का प्रयोग न करना पड़ेे। ओला, उबर टैक्सी की सर्ज प्राइसिंग पर उन्होंने कहा कि इस बार यह न हो, इसके लिए शुक्रवार को दोनों कंपनियों के अधिकारियों को बुलाया गया है। मंत्री ने कहा कि जनता को दिक्कत न हो, इसके लिए हमारी कोशिश इस दौरान ज्यादा से ज्यादा बसें सड़कों पर उतारने की है

बस एसोसिएशन ने सहयोग के लिए रखी शर्तें

सम विषम को लेकर बस एसोसिएशन ने सरकार के साथ काम करने की बात कही है, मगर बसें उपलब्ध कराने के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं। बस संचालकों का कहना है कि सरकार स्कूल बंद रखती है तभी वह फुल टाइम बसें उपलब्ध करा पाएंगे। स्कूलों की एक्शन कमेटी के महासचिव भरत अरोड़ा ने कहा कि वह बसें उपलब्ध कराने को तैयार हैं, मगर स्कूल खुले रहे तो दो बजे के बाद ही बसें उपलब्ध करा पाएंगे। स्कूल बंद रहे तो फुल टाइम बसें देंगे। उधर, एसटीए बस ऑपरेटर्स एकता मंच के श्यामलाल गोला ने कहा कि स्कूल बंद रहे तो हम जरूरत के मुताबिक बसें देंगे। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार कम से कम 200 किलोमीटर बस चलने की गारंटी दे। यानी उन्हें न्यूनतम 200 किलोमीटर के हिसाब से भुगतान मिले। उन्होंने बताया कि दिल्ली मेट्रो से भी उनकी बातचीत हुई है, मगर उन्होंने किलोमीटर के हिसाब से पेमेंट की बात नहीं की है। इसके लिए शुक्रवार को एसोसिएशन की बैठक के बाद हम फैसला लेंगे। बताते चलें कि बीते साल जनवरी में हुए सम-विषम में सरकार ने 1300 बसें हायर की थीं। इस बार यह संख्या सिर्फ 600 है।










 

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