करोड़ों के बजट पर गोलमाल : स्कूल की उदासीनता के चलते टूटी हुई छत के नीचे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर छात्र

343 By 7newsindia.in Tue, Jul 25th 2017 / 13:23:39 मध्य प्रदेश     

रीवा | प्रदेश सरकार जहां करोड़ों रुपए खर्च कर शिक्षा व्यवस्था को बढ़ावा देने में जुटी हुई है, वहीं स्कूल प्रबंधन लगातार इस महत्वपूर्ण विषय को नजरअंदाज कर प्रदेश सरकार के मंसूबे में पानी फेर रहा है। ताजा मामला रीवा जिले के उत्कृष्ट विद्यालय का है जहां करोड़ों रुपए का बजट आने के बाद भी देश का भविष्य स्कूल की उदासीनता के चलते टूटी हुई छत में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। स्कूल की शीट टूटी होने के कारण बारिश का पूरा पानी क्लास रूम में ही गिरता है जिसके चलते छात्रों को बड़ी दिक्कतों से जूझना पड़ता है लेकिन स्कूल प्रबंधन व जिम्मेदार अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि इस ओर कोई  ध्यान नहीं दे रहे हैं जिसके चलते देश का भविष्य अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।

करोड़ों के बजट पर गोलमाल

एक तरफ हम देश को विकास की पायदान पर ले जाने की बात करते है दूसरी तरफ हमारे विकास की धुरी कहे जाने वाला देश का भविष्य व छात्र स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के चलते उपेक्षा का शिकार हो रहा है। ऐसे में हमारा देश कैसे विकास कर पायेगा, इस बात का  सबसे बड़ा जीता जागता उदाहरण है जिले का एक्सीलेंस विद्यालय जहां  हमारे देश की नींव कहे जाने वाले छात्रों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ कर प्रबंधन अपनी जेब भरने में लगा हुआ हैं ऐसे में देश के उत्थान की बात करना बेमानी साबित हो रहा है। जिले के उत्कृष्ट विद्यालय मार्तण्ड क्रमांक-1 की जहां के लिए शासन मेंटीनेंस व्यवस्था व साज सज्जा के नाम पर करोड़ों रुपए का बजट आवंटित करती है  लेकिन अगर हम  व्यवस्था की बात करें तो यह विद्यालय बाहर से बहुत ही व्यवस्थित व सजा-धजा हुआ दिखता है लेकिन अगर क्लास रूम में नजर दौड़ाएं तो पूरी तरह से व्यवस्था बदहाल नजर आएगी। जहां हमारे देश का भविष्य बैठ कर पढ़ाई करता है वहां न तो सही तरीके की दीवाल है  न ही छात्र क्लास रूम, जगह-जगह से छत टूटी पड़ी है, लेकिन  इस बात की परवाह विद्यालय प्रबंधन को नहीं है न इसके लिए कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है। जिसके चलते सैकड़ों छात्र बारिश के मौसम में भीगते हुए पढ़ाई करने को मजबूर हैं ऐसे में इनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है जिसकी फिक्र किसी को नहीं है।

दीवारों में भी आ रही सीपेज

मार्तण्ड स्कूल क्र. 1 की दीवारों में पानी की सीपेज भी होती है। साफ सफाई का भी कोई इंतजाम नहीं है जिसके चलते गंदगी में बैठकर छात्र पढ़ाई करने को मजबूर हैं जिसका छात्रों के जीवन पर भी बुरा असर पड़ता है। जब इस बात को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया की उत्कृष्ट विद्यालय होने के चलते शासन द्वारा पर्याप्त बजट दिया जाता हैं लेकिन अगर यहां की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है तो स्कूल प्रबंधन की लापरवाही है जबकि बजट की बिलकुल भी कमी नहीं है। 

 

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