मेरी खुद की इच्छा नहीं थी कि दोबारा भाजपा का अध्यक्ष बनू : डॉ. राजेश

623 By 7newsindia.in Thu, Dec 12th 2019 / 19:05:52 राजनीति     
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश मिश्रा से खास मुलाकात -
सभी कार्यकर्ताओं के प्रति जताया आभार

। सीधी  बीते कुछ वर्षों से भारतीय जनता पार्टी में अध्यक्ष की कमान संभालने वाले डॉ. राजेश मिश्रा का कार्यकाल कुछ दिन पहले पूरा हो गया। उनके कार्यकाल में  हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा को सीधी जिले में मिली उल्लेखनीय सफलता एवं पूरे कार्यकाल को लेकर  संजीव मिश्रा  ने उनसे खास बात की।
निवर्तमान भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ राजेश मिश्रा ने  सवालों का जवाब देते हुए कहा कि दोबारा भाजपा जिलाध्यक्ष अध्यक्ष लालसा उनके मन में कभी नहीं थी। उन्होने स्पष्ट किया कि मैंने 15 दिन पहले ही गाड़ी से नेम प्लेट हटा दी थी। मैं चाहता था कि दूसरों को भी अध्यक्ष की कमान का मौका मिलना चाहिए। 
 
चिकित्सकीय पेशे से राजनीति में आने के बाद डॉ. राजेश मिश्रा ने कम समय में अपनी अच्छी पहचान बना ली थी। हालांकि वे वर्ष 1983 से आरएसएस से जुड़े थे जो विद्या भारती में रहते हुए सरस्वती विद्यालय करौंदिया एवं चुरहट में व्यवस्थापक तथा अध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं ग्राम भारती में सचिव तथा अध्यक्ष की भूमिका भी निभा चुके हैं। शासकीय चिकित्सक रहते हुए श्री डॉ. मिश्रा वर्ष 2008 में इस्तीफा देकर बसपा से चुनाव लड़ा। विजय नहीं मिली लेकिन संतोषजनक वोट हासिल हुआ था। इसके बाद वर्ष 2009 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों चकड़ौर में उन्होने भाजपा की सदस्यता ली। इसके बाद भाजपा ने उन पर विश्वास जताते हुए प्रदेश में भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ट का सह संयोजक भी बनाया। यद्यपि डॉ. मिश्रा की छात्र जीवन से ही राजनीति में रुचि रही है। वे डेन्टल कॉलेज इंदौर में अध्यक्ष रहने सहित इंदौर में ही विश्वविद्यालय में कार्यकारिणी सदस्य भी रह चुके हैं। उनकी दिनचर्या देखें तो वे सुबह तडक़े उठकर टहलना एवं आरएसएस के कामों मेंं सदैव व्यस्त रहते हैं। इसके बाद मौका मिला तो चिकित्सकीय सेवा में अपने निजी मिश्रा नर्सिंग होम में सेवाएं देते हैं। उन्हे पार्टी ने उस समय भाजपा का जिलाध्यक्ष बनाया जब विधानसभा चुनाव 2018 को महज चार माह बचे थे। ऐसे में परिस्थितियां कठिन थीं फिर भी उन्होने अपनी कमेटी गठित कर चुनाव में संघर्ष का बिगुल फूंका। उनके द्वारा तमाम कार्यक्रमों में यह वादा किया गया था कि जब तक चारों विधानसभा सीटों में भाजपा की जीत नहीं होगी वे माला ग्रहण नहीं करेंगे। परिणाम भी रहा कि चुरहट जैसे विधानसभा सीट में पूर्व नेता प्रतिपक्ष को पराजय का सामना करना पड़ा। हालांकि एक सीट सिहावल में सफलता नहीं मिली लेकिन तीन में सफलता अर्जित हुई। 
वहीं लोकसभा में भी पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल के प्रत्याशी होने के बाद भी रिकार्ड मतों से भाजपा प्रत्याशी रीती पाठक को विजय हासिल हुई है। अब वे अध्यक्ष पद में नहीं हैं फिर भी भाजपा में रहकर जनता की सेवा करने की बात स्पष्ट की है। उनसे कुछ खास सवालों का जब जवाब लिया गया तो उनका स्पष्ट जवाब कुछ इस तरह रहा।

सवाल :- भाजपा द्वारा सांसद, विधायकों को नहीं लेकिन अध्यक्षों को उम्र बंधन में बांधने को लेकर आप क्या कहेंगे?

जवाब :- संगठन ने जो निर्णय लिया है उससे मैं बिलकुल सहमत हूं, मैं चाहता हूं युवाओं को ज्यादा महत्व मिलना चाहिए। मेरी खुद की मानसिकता दोबारा अध्यक्ष बनने को लेकर नहीं थी। चुनाव के पहले मुझे जो दायित्व मिला उस पर मैंने काम किया।  युवाओं को मौका देना चाहिए। उनमे जोश, मेहनत एवं लगन रहती है। मैं चाहता हूं कि युवा मोर्चा को भी जो 18 वर्ष पार कर चुके हैं उन्हे भी युवा मोर्चा में लाने की कोशिश करना चाहिए।
 

सवाल :- संगठन में मण्डलों के चुनाव पर चुरहट में विरोध पर आप क्या कहेंगे?

जवाब :- मेरे कार्यकाल में सभी मण्डलो में शांतिपूर्ण ढंग से बूथ से लेकर मण्डल अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है। चुरहट में भी कोई ऐसी बात नहीं थी, नासमझी के कारण थोड़ा मामला सामने आया लेकिन बाद में सब ठीक हो गया। वहां जिसे अध्यक्ष बनाया गया है वह पुराना कार्यकर्ता है।

सवाल :- अध्यक्षी कार्यकाल में भाजपा में खेमेबाजी पर कभी परेशानी उठानी पड़ी है?

जवाब :- बिलकुल नहीं, मुझे ऐसा कभी आभास नहीं हुआ कि खेमेबाजी भाजपा में थी। सांसद, विधायको के बीच कोई खेमेबाजी मुझे देखने को नहीं मिली। मेरे कार्यकाल में सबकुछ अच्छा हुआ है। इसके लिए मैं कार्यकर्ताओं का सदैव आभारी रहूंगा। जिन्होने कंधे से कंधा मिलाकर मेरे अध्यक्षी कार्यकाल के दौरान पार्टी के प्रति समर्पित भाव से काम किया है।

सवाल :- क्या आप प्रदेश स्तर में पदाधिकारी बनने की मंशा रखते हैं?

जवाब :- मैं एक सामान्य कार्यकर्ता हूं। मुझे जो दायित्व मिलेगा वहीं मेरे लिए सर्पोपरि रहेगा। मैं बूथ का काम भी करने के लिए तैयार हूं। मेरी मानसिकता भाजपा में काम करने की है इसके लिए मुझे पद अहमियत नहीं रखता हैं।

सवाल :- ऐसी चर्चा है कि आप आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं?

जवाब :- मैं अपने जीवन पर्यन्त कभी कांग्रेस में जाने को सोचा भी नहीं है। जो यह अफवाहें फैला रहे हैं यह उनकी मानसिकता होगी। मेरी सोच भाजपा के लिए है एवं सदैव रहेगी। इस तरह की अफवाहें फैलाने वाले मेरे विरोधी हो सकते हैं। मैने तो यह प्रण किया है कि भाजपा में रहकर ही पार्टी की मदद एवं गरीबों की भलाई के लिए सदैव काम करता रहूंगा।

सवाल :- आगामी विधानसभा चुनाव में क्या आप टिकट की मांग करेंगे?

जवाब :- यह तो समय आने पर पार्टी द्वारा जो भी दायित्व दिया जाएगा उसे मैं मानूंगा। भाजपा ऐसी पार्टी है जिसमे कुछ मांगने पर मिलता नहीं बल्कि जिन्हे योग्य समझा जाता है उन्हे खुद मिल जाता है। जब तक मैने टिकट मांगा तब नहीं मिला लेकिन मैने यह माना कि अति गरीब नरेन्द्र मोदी जैसे महान व्यक्ति प्रधानमंत्री बन सकता है तो पार्टी जिसको भी टिकट देगी मैं उसके लिए काम करता रहूंगा। उन्होने कहा कि मैंने जब से अध्यक्ष का दायित्व संभाला उस कार्यकाल में मुझे मिले सहयोग के लिए सभी कार्यकर्ता एवं सहयोगियों का सदैव आभारी रहूंगा।

 

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