राष्ट्रीय नाट्य कार्यशाला में देश भर से शामिल होंगे प्रशिक्षाणार्थी

464 By 7newsindia.in Fri, Nov 9th 2018 / 18:23:16 मध्य प्रदेश     

 सीधी,

इंद्रवती नाट्य समितिए सीधी बैजनाथ सभागार सीधी में दिनांक 10 नवंबर से राष्ट्रीय नाट्य कार्यशाला का आयोजन हो रहा है द्य इस आयोजन में सीधी के साथ.साथ देश भर से प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं द्य 21 दिवसीय आवासीय एवं प्रस्तुतिपरक नाट्य कार्यशाला का निर्देशन भोपाल से आये नितीश दुबे कर रहे हैं और इन्ही के निर्देशन में नाटक श्एक कहानीश् का मंचन होगा द्य कार्यशाला में कल्लरी पयत्तूए रंग संगीतए योगाए थिएटर गेमए लोकसंगीतए अभिनय प्रशिक्षणए क्राफ्ट वर्क के साथ.साथ नाटक एक कहानी पर काम होगा द्य सुबह 10 बजे से इंद्रवती नाट्य समिति के बैजनाथ सभागार में आये प्रतिभागियों की चयन प्रक्रिया शुरू होगी द्य चयनित छात्रों को 21 दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य कार्यशाला में प्रशिक्षण के लिए रखा जाएगा द्य 
 
21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रथम सत्र में प्रतिदिन सुबह 6 से 7 कल्लरी पयत्तूए7 से 8 योगा एवं रंगसंगीतए 8 से 9 लोकसंगीत नगरिया वादन एवं दूसरे सत्र में 11 बजे से शाम के 6 बजे तक अभिनयए क्राफ्ट एवं थिएटर गेम पर कार्यब होगा द्य 
आयोजक संस्था इंद्रवती नाट्य समितिए सीधी पिछले 14 वर्षो से अनवरत सीधी के रंगमंच व लोक कलाओं के विकास संरक्षणए संवर्धन हेतु प्रतिबद्ध है द्य संस्था रंगमंच के क्षेत्र में कार्य करते हुए बघेलखण्ड के तमाम ग्रामो में नाट्य कार्यशालाओं व महोत्सवों का आयोजन करती हैए ताकि विलुप्त हो रही लोक नाट्य शैली और सांस्कृतिक परिदृश्य का पुन: बीजारोपण हो सके द्य संस्था देश में आयोजित होने वाले तामाम रंग महोत्सवों में अब तक अपनी सैक?ों प्रस्तुतियाँ दे चुकी है द्य जिसमे भारत रंग महोत्सव सहित अन्य राष्ट्रीयए अंतर्राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव शामिल हैं द्य साथ ही बघेलखण्ड की सांस्कृतिक धरोहर को बचाये रखने के उद्देश्य से संस्था ने सीधी के 521 ग्रामों में लोक कलाग्रामों की स्थापना कि जिसमे लगभग 12500 लोक कलाकार निवासरत हैं द्य लोक कला ग्रामों में निवासरत जनजातीय व अन्य पारम्परिक कलाकारों को मंच प्रदान करने की ओर संस्था पूरे वर्ष सक्रिय रहती है द्य पूरे भारत वर्ष में आयोजित होने वाले लोक कला सांस्कृतिक महोत्सवोंए उत्सवोंए सम्मेलनों में प्रस्तुती देती है द्य इंद्रवती लोक कलाग्राम के पारम्परिक लोक कलाकारों ने भिन्न.भिन्न कलारूपों की अब तक कुल 1123 मंच प्रस्तुतियाँ भी दी हैंए साथ ही संस्था बघेलखण्ड में निवासरत विभिन्न संस्कृति संपन्न जनजातियों  एवं जातियों  के पारम्परिक गीतए कथाओंए वार्ताओंए गाथाओंए पहेलियोंए कहावतोंए चित्रए नृत्य और संगीत की अमूल्य धरोहर को संरक्षित व प्रकाश  में लाने  के उद्देश्य से तमाम कलारूपों का संकलन कार्य भी कर रही है द्य इस क?ी में संस्था ने लगभग 7600 ग्रामों से 15500 लोक तत्वों का संग्रह कार्य किया है द्य इसमें गीतए गाथाए कथाए पहेलियाँए कहावत व लोक वार्तायें शामिल हैं द्य वर्ष 2016 में संस्था ने 51 दिवसीय एवं 2017 में 111 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय महाउर कला महोत्सव का भी आयोजन किया जिसमे देश.विदेश से विभिन्न कला रूपों के 181 मंच प्रदर्शन हुये थे द्य 
आयोजित राष्ट्रीय नाट्य कार्यशाला में भोजन एवं आवास की व्यवस्था संस्था द्वारा ही की जा रही है द्य आवासीय कार्यशाला होने के कारण प्रतिभागियों को आयोजन स्थल पर ही रहना अनिवार्य है द्य 

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