चारा घोटाला: दुमका केस में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा बरी, लालू प्रसाद यादव दोषी करार

891 By 7newsindia.in Mon, Mar 19th 2018 / 13:43:10 कानून-अपराध     
रांची : चारा घोटाला से जुड़े दुमका ट्रेजरी केस में सोमवार को सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा को बरी करार दिया। कुछ देर में लालू प्रसाद यादव पर भी फैसला सुनाया जाएगा। मामले में लालू समेत 31 आरोपी हैं। इस मामले में 2 बार फैसला टल गया था। लालू यादव ने तत्कालीन अकाउंटेंट समेत तीन पूर्व अफसरों को आरोपी बनाने की मांग की थी। बता दें कि लालू पर दर्ज 6 मामलों में यह चौथा मामला है, जिसमें फैसला आना है। तीन मामलों में लालू यादव को सजा हो चुकी है। वे फिलहाल बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
 
 
लालू नहीं है कोर्ट में मौजूद
- कोर्ट के फैसले के पहले लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव समेत कई आरजेडी नेता रांची पहुंचे। कोर्ट में लालू प्रसाद यादव वहां मौजूद नहीं थे। 
- रविवार को लालू की तबीयत खराब हो गई थी, उन्हें सीने में दर्द की शिकायत थी। जिसके बाद उन्हें रांची के रिम्स हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था।
 
दो बार टल चुका है फैसला
- लालू की सजा पर इस महीने दो बार फैसला टल चुका है। पहली बार 15 मार्च को फैसला सुनाए जाने के पहले लालू ने नई पिटीशन दाखिल कर अकाउंटेंट समेत तीन पूर्व अफसरों को केस में आरोपी बनाए जाने की मांग की थी। जिसके बाद फैसला 17 मार्च को आना तय हुआ था। 
- 17 मार्च को लेकिन सीबीआई की विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह के ज्यूडिशियल एकेडमी के कार्यक्रम में शामिल होने की वजह से फैसला टाल दिया था।
 
इन अफसरों को जारी हुआ था समन
- लालू की पिटीशन के बाद कोर्ट ने पीके मुखोपाध्याय, पूर्व अकाउंटेंट जनरल, बीएन झा, पूर्व डिप्टी अकाउंटेंट जनरल, प्रमोद कुमार, महालेखाकार कार्यालय के पूर्व सीनियर अकाउंटेंट जनरल को समन जारी किया था।
 
क्या है दुमका ट्रेजरी मामला?
- दुमका ट्रेजरी से दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच गैर-कानूनी तरीके से 3.76 करोड़ रुपए निकाले गए। इस मामले में सीबीआई ने 11 अप्रैल 1996 को 48 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। 11 मई 2000 को पहली चार्जशीट दायर की गई।
 
1996 में सामने आया था घोटाला
- जनवरी 1996 में करीब 950 करोड़ रुपए का चारा घोटाला पहली बार सामने आया था।
- इसके तहत 1990 के दशक में चारा सप्लाई के नाम पर सरकारी ट्रेजरी से ऐसी कंपनियों को फंड जारी हुआ, जो थी ही नहीं।
- घोटाला हुआ तब लालू बिहार के मुख्यमंत्री थे। उनके पास वित्त मंत्रालय भी था। आरोप है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए मामले की जांच के लिए आई फाइल को 5 जुलाई 1994 से 1 फरवरी 1996 तक अटकाए रखा। 2 फरवरी 1996 को जांच का आदेश दिया।
 
लालू इन दो मामलों में काट रहे सजा
1) देवघर ट्रेजरी केस: 69 साल के लालू समेत 16 आरोपियों को 6 जनवरी 2017 को साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी। लालू पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया था। 
2) चाईबासा ट्रेजरी केस:24 जनवरी 2018 को पांच साल की सजा सुनाई गई।

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