सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से मांगा निर्भया कोष के तहत जमा धन का विवरण....

614 By 7newsindia.in Wed, Jan 10th 2018 / 19:51:46 उत्तर प्रदेश     

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को मंगलवार 9 जनवरी को आदेश दिया कि वे निर्भया कोष योजना के अंतर्गत केंद्र से मिले धन और यौन हमलों और तेजाब के हमलों के पीड़ितों में वितरित की गयी धनराशि का विवरण पेश करें.
न्यायमूर्ति मदन. बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस योजना के तहत प्राप्त धन और उसके वितरण का विवरण चार सप्ताह के भीतर दाखिल करने का निर्देश देते हुये इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि वे जवाब नहीं देते हैं.

 सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 4 माह के अंदर कोष को मिले धन और उससे हुए वितरण की जानकारी देने का निर्देश दिया है

इस मामले में न्यायालय की मदद कर रही वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने जब यह कहा कि राज्यों का यह कर्तव्य है कि वे जवाब दें और उनसे इस योजना के तहत प्राप्त धन और इसके वितरण का विवरण मांगा जाना चाहिए तो न्यायालय ने कहा, मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि वे जवाब ही नहीं देते.
केंद्र ने महिलाओं की सुरक्षा के लिये सरकारों और गैर सरकारी संगठनों की पहल के समर्थन में राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 की सामूहिक बलात्कार और हत्या की सनसनीखेज घटना के बाद 2013 में केंद्र ने निर्भया कोष योजना की घोषणा की थी.
इस बीच, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने अपने निदेशक एसएस राठी के माध्यम से न्यायालय को सूचित किया कि उसके निर्देशों के अनुरूप प्राधिकरण ने यौन अपराध और तेजाब हमलों के पीड़ितों के मुआवजे के लिये मॉडल नियमों का मसौदा तैयार किया है और इसे शीघ्र ही पेश किया जायेगा.
प्राधिकरण के निदेशक ने नियमों का मसौदा तैयार करते समय दिल्ली में यौन हमलों और तेजाब हमलों की पीड़ितों को मुआवजा देने के लिये अपनायी गयी प्रक्रिया और स्वरूप पर विचार किया गया है.
सुनवाई के दौरान पीठ ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निदेशक से जानना चाहा कि क्या इन नियमों में इस कोष के तहत खर्च नहीं किये गये धन को प्राधिकरण और नालसा को वापस करने का भी कोई प्रावधान किया गया है.
न्यायालय इस मामले में अब 15 फरवरी को आगे विचार करेगा जब केंद्र से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस कोष के लिये मिले और पीड़ितों को वितरित की गयी धनराशि के विवरण के बारे में जवाब आ जायेगा.
न्यायालय ने पिछले साल 22 सितंबर को कहा था कि यौन हिंसा और तेजाब हमलों की पीड़ितों को मुआवजे के भुगतान के लिये एक समेकित योजना बनाने और पीड़ितों के पुनर्वास आदि पर न्याय मित्र और केंद्र का पक्ष सुनेगा.

 

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