पॉलीथिन 3 साल से बैन, वीआईपी रोड में पकड़ी फैक्ट्री, 4 ट्रक थैलियां जब्त

491 By 7newsindia.in Thu, Jul 27th 2017 / 12:13:45 कानून-अपराध     
रायपुर | राजधानी में पॉलीथिन पर सरकार ने 3 साल से बैन लगा रखा है और कार्रवाई भी हो रही है, लेकिन सरकारी एजेंसियां सालभर से परेशान थीं कि आखिरकार इतने पॉलीथिन बैग शहर में सप्लाई कौन कर रहा है? कुछ फेरीवालों से मिली सूचना की जांच के बाद बुधवार को प्रशासनिक अमले ने पॉश इलाके वीआईपी रोड के एक मकान में छापा मारकर पॉलीथिन बैग बनाने की बड़ी फैक्ट्री का पर्दाफाश कर दिया है। यहां पिछले 10 साल से बैग और थैलियां बनाई जा रही थीं और बैन के बाद भी काम नहीं रोका गया था। फैक्ट्री विजय कुमार हेमानी चला रहा था। नीचे उसका घर था और ऊपर दब-छिपकर रोजाना 100 क्विंटल पॉलीथिन की थैलियां बनाकर राजधानी के बाजारों में सप्लाई की जा रही थीं। छापे के बाद प्रशासन ने इस पैक्ट्री को सील कर दिया है। परिसर में खड़े चार ट्रकों में भी पॉलीथिन की थैलियां बरामद की गईं, इसलिए इन्हें जब्त कर लिया गया।

 गोरखधंधा | प्रशासन परेशान कि इतने पॉलीथिन

  बैग की सप्लाई कहां से? जांच में हुआ खुलासा 

 

राजधानी में बैन लगने के बाद भी काले, नीले और ट्रांसपेरेंट पॉलीथिन बैग हर बड़ी-छोटी दुकान में पहुंच रहे हैं। लगातार छापेमारी के बाद भी इन पर रोक नहीं लग पा रही थी। इस वजह से सरकारी अमले ने यह पड़ताल शुरू की थी कि आखिरकार पॉलीथिन बैग कहां से आ रहे हैं। इसी की जांच में लगे कर्मचारियों ने बुधवार को सुबह शास्त्री बाजार में साइकिल पर पॉलीथिन बैग बेच रहे कुछ लोगों को पकड़ा। उनसे पूछताछ की गई तो कुछ ने बताया कि वीआईपी रोड में विजय कुमार हेमानी के मकान में चल रही फैक्ट्री से पॉलीथिन लाकर बेच रहे हैं। इस सूचना पर सरकारी अमले ने प्लान के साथ दोपहर में धावा बोल दिया।

 कई ऑटोमेटिक मशीनें

                             टीम ने जब इस मकान में छापा मारा, तब पता चला कि ग्राउंड फ्लोर पर लोग रहते हैं पर कारखाना ऊपर चलाया जा रहा है। टीम ऊपर पहुंची तो कारखाने में कई छोटी-बड़ी ऑटोमेटिक मशीनों से हजारों की संख्या में पॉलीथिन बैग निकल रहे थे। वहां लगभग 15 मजदूर काम कर रहे थे। वहां जितने भी पॉलीथिन बैग मिले, सभी प्रतिबंधित पाए गए। यहीं से पॉलीथिन बैग शहर में सप्लाई किए जा रहे थे। अफसर भी ये देखकर हैरान रह गए कि फैक्ट्री के ऊपर बने मकान के तीन कमरों में 160 से ज्यादा बोरी पॉलीथिन बनकर रखी हुई थी। आनन-फानन में सभी बोरियों को जब्त कर फैक्ट्री और कमरों को सील कर दिया गया। 

 
फैक्ट्री पहली बार पकड़ी : राजधानी में पहली बार प्रतिबंधित पॉलीथिन बैग की फैक्ट्री पकड़ी गई है। मामला बड़ा था इसलिए निगम कमिश्नर रजत बंसल भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कलेक्टर ओपी चौधरी को इसकी जानकारी दी। तब डिप्टी कलेक्टर सीमा ठाकुर को भेजकर फैक्ट्री और कमरे सील करवाए गए। कार्रवाई के दौरान अपर आयुक्त आशीष टिकरिहा, छत्तीसगढ पर्यावरण मंडल के अधीक्षण अभियंता एके बेहरे, वैज्ञानिक पीके रबडे, सहायक अभियंता डीके पटेल, प्रभारी राजस्व अधिकारी दीपक शर्मा, सहायक राजस्व अधिकारी विवेकानंद दुबे और उडनदस्ता प्रभारी अधिकारी आभास मिश्रा मौजूद थे। 
पैक को छोड़कर सब बैन
नए कानून के अनुसार केवल पैकिंग वाली पॉलीथिन को ही छूट है, जिसमें ब्रांडेड खाद्य सामग्री पैक कर बाजार में बेची जाती है। इसके अलावा किसी भी तरह के पॉलीथिन का उपयोग प्रतिबंधित है। इसके अलावा डिस्पोजल गिलास, कटोरी या कोई और सामान की बिक्री भी प्रतिबंधित है। पतले प्लास्टिक से बनी चीजें भी बैन है। लगातार प्रतिबंधित होने के बावजूद डिस्पोजल गिलास और दूसरी चीजें आसानी से बाजार में बिक रही है और लोग उसका उपयोग भी कर रहे हैं। यही वजह है कि पहली बार कलेक्टर ने इसे सप्लाई करनेवालों पर एफआईआर के निर्देश दिए हैं।  

नष्ट करने पर विचार 
पिछले साल जब्त पॉलीथिन को रीसाइकिलिंग के लिए सीमेंट फैक्ट्रियों को दिया गया था। तब यह मामला भी उछला था कि इन फैक्ट्रियों से बिना कोई शुल्क लिए सैकड़ों क्विंटल पॉलीथिन दे दिया गया। जानकारों का कहना है कि नियमानुसार पॉलीथिन को नष्ट करने का प्रावधान है। लगातार विवाद के बाद अभी फैसला नहीं लिया गया है कि इस साल जब्त पॉलीथिन को नष्ट किया जाएगा या फिर से उसे दोबारा सीमेंट कंपनियों को दे दिया जाएगा।  
आउटर में कार्रवाई शुरू 
शहर के साथ ही अब जिले के गांवों में भी पतले पॉलीथिन बैग रोकने का अभियान छेड़ दतिया गया है। बुधवार को नगर पालिका तिल्दा और नगर पालिका परिषद गोबरा-नवापारा में पॉलीथिन की थैलियां जब्त की गईं। कलेक्टर ने बताया कि बैन पर सख्ती से अमल के लिए पर्यावरण संरक्षण मंडल और निगम की संयुक्त टीम बनाई गई है। इसमें दोनों विभागों के अफसर शामिल हैं। यह टीम जिलेमें कहीं भी छापेमारी करेगी। जहां भी प्रतिबंधित पॉलीथिन बैग मिलेंगे, उस कारोबारी और स्टॉकिस्ट के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी।   

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